डीएनए हिंदी: शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की गिरफ्तारी के बाद केंद्र और ममता सरकार आमने-सामने आ गई हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने आपत्ति जताई है कि पार्थ चटर्जी को दूसरे अस्पताल में क्यों रेफर किया गया. साथ ही प्रवर्तन निदेशाल ने आरोप लगाया कि पार्थ चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वह दबंगों जैसा बर्ताव कर रहे हैं. पूछताछ करने पर ईडी अधिकारियों को गाली भी दे रहे हैं.
जांच एजेंसी ने इस बात का भी दावा किया कि पार्थ चटर्जी ने बीती रात ढाई बजे सीएम ममता बनर्जी को कई बार फोन मिलाया था, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पार्थ चटर्जी को एयर एम्बुलेंस से एम्स भुवनेश्वर ट्रांसफर करने का ईडी को निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा कि मंत्री को सोमवार शाम 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता की विशेष ईडी अदालत में पेश किया जाए.
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कानून से बचने का नाटकर कर रहे पार्थ चटर्जी
ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिस्टिर जनरल एसवी राजू कोर्ट में पेश हुए. एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि पार्थ चटर्जी कानून से बचने के लिए बीमारी का नाटक कर रहे हैं. वह अस्पताल में डॉन की तरह व्यवहार कर रहे हैं और ईडी अधिकारियों को गाली दे रहे हैं. केंद्रीय एजेंसी ने हाईकोर्ट के समक्ष दावा किया कि निचली अदालत किसी व्यक्ति के पर्याप्त इलाज का निर्देश दे सकती है लेकिन किसी विशेष अस्पताल के संबंध में निर्देशित नहीं कर सकती.
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सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'निचली अदालत द्वारा पारित उनके अस्पताल में भर्ती होने के आदेश को खारिज कर दिया गया है. जांच एजेंसी को सुनवाई के बिना आदेश पारित किया गया. ईडी ने कहा कि आरोपी ने शिक्षा भर्ती में घोटाला कर उम्मीदवारों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है. वह राज्य में मंत्री पद पर स्थित है और बहुत प्रभावशाली हैं. हमें 15 दिन के अंदर पूछताछ इस मामले में की तह तक पहुंचना होगा. ईडी ने कहा कि पार्थ चटर्जी बीमारी का बहाना कर जानबूझकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जहां वो अधिकारियों से डॉन की तरह व्यवहार कर रहे हैं.
क्या था पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के करीबी मंत्री पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी 26 घंटे की पूछताछ के बाद हुई. मामला शिक्षा भर्ती घोटाले जुड़ा है. पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जानी वालीं अर्पिता मुखर्जी के आवास पर शुक्रवार को ईडी ने छापा मारा था. यह छापा पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में मारा गया था. इस छापेमारी ईडी को अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये कैश और कुछ अहम कागजात मिले थे. पुछताछ के बाद अर्पिता को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद पार्थ चटर्जी का नाम सामने आया और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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पार्थ चटर्जी जेल में दबंगों जैसा कर रहे बर्ताव, रात ढाई बजे CM ममता को लगाया फोन