डीएनए हिंदी: कहानी बिल्कुल फिल्मी लगती है लेकिन हकीकत है. पाकिस्तान की समीरा अब्दुल रहमान अपने भारतीय पति के साथ अवैध तरीके से बेंगलुरु पहुंची थीं. यहां उन्हें अवैध तरीके से भारत में घुसने के लिए 3 साल की सजा सुनाई गई थी और जेल में ही उन्होंने अपनी बच्ची को जन्म दिया था. समीरा के पति ने पलटकर उनकी खबर नहीं ली और इस तरह से बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में उनकी जिंदगी के लगभग 5 साल बीत गए हैं.
पाकिस्तान ने जारी किया नागरिकता प्रमाण पत्र
समीरा के लिए आखिरकार अच्छी खबर आई है और पाकिस्तान ने उनका नागरिकता प्रमाण जारी कर दिया है. पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार,जेल से रिहा होने के बाद सुमायरा अपनी बच्ची के साथ डिटेंशन सेंटर में रह रही थी. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमदने घोषणा कर दी है कि उनके मंत्रालय ने बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में बंद समीरा की पाकिस्तानी नागरिकता का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है. अब जल्द ही समीरा की वापसी हो सकती है और वह अपने परिवार के साथ जिंदगी बिता पाएंगी.
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दोहा में हुई थी भारतीय से शादी
समीरा का परिवार कतर में रहता है और वहीं दोहा में उनकी शादी केरल के मोहम्मद शिहाब से हुई थी. 2017 में शिहाब एक और कपल के साथ समीरा को बिना वीजा के भारत ले आया था. यहां बेंगलुरु क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने के लिए एक टिप से मिली सूचना के आधार पर समीरा को अरेस्ट किया था. गिरफ्तारी के वक्त वह गर्भवती भी थीं. जेल में रहने के दौरान उनके पति ने कोई खोज-खबर नहीं ली और उन्हें अकेला छोड़ दिया था.
देश वापस लौट सकेंगी समीरा
भारतीय अधिकारियों ने बताया कि 3 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना समीरा ने भर दिया है. भारत ने पाक दूतावास को जानकारी दी थी और उनकी नागरिकता की पुष्टि करने के लिए कहा था. पाकिस्तान ने नागरिकता की पुष्टि कर दी है और कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें बच्ची के साथ वतन भेज दिया जाएगा.
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