डीएनए हिंदी: विश्विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने टेक्निकल एजुकेशन की गाइडलाइन से समानता सुनिश्चित करने के लिए, नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) के नियमों में बंदलाव करने का फैसला किया है. ये वही ड्राफ्ट नियम हैं जिन्हें इसी साल फरवरी में सार्वजनिक किया गया था.
UGC चाहता है कि लर्निंग असेसमेंट के मापदंड में बदलाव हो. कोशिश है कि नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के साथ ही हायर एजुकेशन का भी फ्रेमवर्क तैयार हो, ताकि टेक्निकल एजुकेशन और स्किल प्रोग्राम के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया जा सके. ये बदलाव इसलिए भी किए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम से भी यह सही से सिंक हो सके.
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क्रेडिट सिस्टम में किया जाएगा बदलाव
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया, 'हम हायर एजुकेशन के क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के ड्राफ्ट को लेकर देशभर के वाइस चांसलर और कॉलेजों के प्रिंसिपल के साथ ऑनलाइन बैठकें करेंगे. अब तक यूजीसी लेव 5 से 1 का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन अब 4.5 से 8 का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे, स्टूडेंट्स को एक संस्थान से दूसरे में जाने एक सब्जेक्ट से दूसरे फील्ड में जाने में आसानी होगी.'
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अभी तक उच्च शिक्षा के लिए पांच लेवल हैं- लेवल 5 सर्टिफिकेट, लेवल 6 डिप्लोमा, लेवल 7 अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम विद रिसर्च/ऑनर्स, लेवल 8 पीजी डिप्लोमा, लेवल 9 पोस्टग्रैजुएट और लेवल 10 डॉक्टोरल. हालांकि यूजीसी का मानना है कि इससे हर क्वालिफिकेशन के लिए कुछ दिक्कतें भी पैदा करेगा.
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Skill Education और तकनीकी शिक्षा के लिए होगा एक फ्रेमवर्क, ड्राफ्ट में बदलाव करेगा UGC