डीएनए हिंदी: कोविड (Covid-19) महामारी की वजह से 2 साल तक छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित रही. ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेजों में ऑनलाइन मोड में 2 साल तक पढ़ाई हुई. अब अचानक पूरी तरह से ऑफलाइन (Offline) मोड में पढ़ाई होने से छात्र असमंजस में हैं.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) ने जब 24 मार्च को ऑफलाइन एग्जाम कराने की घोषणा की थी तभी व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे. विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना था कि जब महामारी के बाद एक बार फिर हालात सामान्य (Normalcy) हो रहे हैं तब एग्जाम भी सामान्य तरीके से कराए जाएं.
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विरोध प्रदर्शन के आगे झुका विश्वविद्यालय प्रशासन
अधिकारियों ने यह फैसला एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया है. छात्रों ने इस फैसले का विरोध किया था. छात्रों की मांग थी कि परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित कराई जाएं क्योंकि पढ़ाई भी ऑनलाइन ही हुई है. कुछ छात्रों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे थे. इलाहाबाद विश्वविद्याल को 25 मार्च को यह फैसला करना पड़ा कि सभी द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट किया जाएगा और तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाएगी.
क्याजातर जगहों पर छात्रों ने किया विरोध
भारत में ज्यादातर विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली के तहत एग्जाम होता है. हर सेमेस्टर के अंत में परीक्षा होती है. सामान्य तौर पर मई-जून और नवंबर-दिसंबर में परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं. इस बार, कई विश्वविद्यालयों ने मई-जून 2022 में समाप्त होने वाले सेमेस्टर के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है. छात्रावास व्यवस्था, परीक्षा कार्यक्रम और हाइब्रिड क्लास टाइमटेबल की वजह से ज्यादातर जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
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महाराष्ट्र में ऑफलाइन एग्जाम के लिए छात्रों को मिलेगा ज्यादा समय
13 अप्रैल को, महाराष्ट्र के हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर उदय सामंत ने हर घंटे छात्रों के लिए एक ऑफ़लाइन परीक्षा में बैठने के लिए अतिरिक्त 15 मिनट देने की घोषणा की है. यह छात्रों के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है.
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पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में विश्व-भारती विश्वविद्यालय में छात्र, छात्रावासों को फिर से खोले बिना ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित करने के निर्णय का विरोध कर रहे हैं. छात्रों के लगातार 26 दिनों के विरोध के बाद 18 अप्रैल से ऑनलाइन एग्जाम का फैसला लेना पड़ा.
दिल्ली में क्या हुआ है फैसला?
दिल्ली विश्वविद्यालय में, छात्र मांग कर रहे हैं कि उनकी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएं. विश्वविद्यालय फरवरी में फिर से खुला था. दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर में छात्रों के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित करने का भी फैसला किया है. पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के लिए सेमेस्टर परीक्षा ऑनलाइन मोड में कराई जा सकती है.
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छात्रों का कहना है कि अगर पढ़ाई ऑनलाइन मोड में हुई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन ही कराई जाए. कुछ छात्र इस फैसले के विरोध में भी हैं. ऑनलाइन एग्जाम पर प्रोटेस्ट के बीच एक बार फिर कोविड के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि विश्वविद्यालय प्रशासन आने वाले दिनों में कैसे कक्षाएं जारी रखेंगे.
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2 साल तक हाइब्रिड मोड में पढ़ाई, अब Online मोड में एग्जाम के लिए छात्रों ने क्यों किया प्रोटेस्ट?