डीएनए हिंदी: हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में साल 2012 से 2019 के बीच गधों की आबादी में 61 प्रतिशत की कमी आई है. इसके कारणों में उनकी उपयोगिता में कमी, चोरी, गैर कानूनी तरीके से हत्या, चारागाहों की कमी आदि शामिल हैं.
दरअसल यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था की शाखा ब्रूक इंडिया (Brooke India) की रिपोर्ट से सामने आई है. संस्था ने भारत में गधों की मौजूदगी और उनके अवैध कारोबार को लेकर गहन अध्ययन किया था. इसके लिए महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के इलाकों का दौरा किया गया और लोगों का साक्षात्कार लिया गया. इस दौरान सामने आया कि वर्ष 2012 से 2019 के बीच गधों की संख्या दो तिहाई तक कम हो गई है.
अध्ययन में कहा गया है कि बढ़ती साक्षरता दर, ईंट के भट्टों में मशीनों का बढ़ता इस्तेमाल और परिवहन में गधों के इस्तेमाल का घटता प्रचलन जैसी कई अहम वजह हैं जिसके कारण लोग अब उन्हें पालना नहीं चाहते. यही कारण है कि गधों की आबादी तेजी से घट रही है.
ये भी पढ़ें- Twitter अकाउंट्स बंद करवाने वाले पांच शीर्ष देशों में भारत भी शामिल, पढ़ें किन देशों की सरकारों ने क्या किया?
अध्ययन के मुताबिक, महाराष्ट्र में इन आठ सालों के दौरान गधों की आबादी में 39.69 प्रतिशत की कमी आई है जबकि आंध्रप्रदेश में गधों की आबादी में 53.22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसी प्रकार, राजस्थान में वर्ष 2012-2019 के बीच गधों की आबादी में 71.31 प्रतिशत, गुजरात में 70.94 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 71.72 प्रतिशत और बिहार में 47.31 प्रतिशत की कमी सामने आई है.
अध्ययन में पाया गया कि गधों के अवैध कारोबार, उनके रहने और खाने-पीने के ठिकानों में कमी और मांस की बढ़ती मांग के कारण सीमावर्ती इलाकों में उनकी तस्करी तेजी से बढ़ी है.
ये भी पढ़ें- India's Got Talent 9: कंटेस्टेंट सेट पर 200 रुपये में बेचने लगा अपनी Vomit, भड़क गईं Kirron Kher
बताया गया कि कई अन्य देशों खासतौर पर चीन में इजियाओ के लिए गधों की खाल की तस्करी की जाती है. इसके अलावा कई और देशों में गधों की खाल का अवैध कारोबार होता है. भारत से नेपाल और वहां से चीन के रास्ते गधों की खाल का अवैध व्यापार फल-फूल रहा है. इसके धंधे में लगे लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.
- Log in to post comments
Donkey Population In India: भारत में 61% घट गई गधों की तादाद, फल-फूल रहा है अवैध तस्करी का व्यापार