डीएनए हिंदी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) पर 2,900 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. राज्य सरकार पर आरोप है कि वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर सकी. इससे पहले एनजीटी ने कर्नाटक पर 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल और अफरोज अहमद की पीठ ने कहा कि ठोस व तरल कचरे प्रबंधन के लिए कर्नाटक राज्य द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं. पीठ ने कहा कि ठोस और तरल कचरे के उत्पादन व वैज्ञानिक प्रबंधन में अंतर के कारण पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
बेंच ने कहा कि पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान को दूर करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एनजीटी अधिनियम की धारा 15 के तहत हर्जाना देना अनिवार्य है. NGT ने 10 अक्टूबर को भी अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार पर्यावरण की रक्षा करने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में विफल रही है.
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एनजीटी ने कहा कि सरकार की इस लापरवाही की वजह से झील पारिस्थितिकी और पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान हुआ है. इसलिए पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करने और पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने के लिए राज्य को उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए.
(PTI इनपुट के साथ)
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NGT ने कर्नाटक सरकार पर लगाया 2,900 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला?