डीएनए हिंदी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को लोकसभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया. इसमें समलैंगिक विवाह को वैध बनाने और विवाहित LGBTQIA जोड़ों को समान कानूनी अधिकार प्रदान करने की मांग की गई थी.
इसी के साथ डीएमके सांसद सेंथिलकुमार एस ने भी एक अन्य निजी सदस्य विधेयक पेश किया. इसमें LGBTQIA के सदस्यों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने की बात की गई थी.
सुप्रिया सुले ने पेश किए गए विधेयक में विशेष विवाह अधिनियम, 1954 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, ताकि समलैंगिक विवाहों को बिना बाधा के संपन्न किया जा सके.उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संशोधन के दौरान यदि दोनों पुरुष हों तो शादी की उम्र 21 और दोनों महिला हों तो शादी की उम्र 18 वर्ष निर्धारित की जाए. इस अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन करके पति औऱ पत्नी जैसे शब्दों को भी बदलने का प्रस्ताव रखा गया है.
ये भी पढ़ें- अल्पमत में Imran Khan खान की सरकार, पूर्व पत्नी रेहम खान ने कह दी बड़ी बात
इस विधेयक को पेश करते हुए सुले ने कहा कि . सन् 2018 में ही भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, फिर भी समलैंगिक व्यक्तियों को आज भी समाज में भेदभाव और उत्पीड़न झेलना पड़ता है. यदि विशेष विवाह अधिनियम, 1954 में संशोधन किया जाता है तो LGBTQI जोड़ों के अधिकार भी सुनिश्चित हो सकेंगे.
क्या होता है निजी सदस्य विधेयक
निजी सदस्य विधेयक एक ऐसा मसौदा होता है जिसे किसी भी ऐसे सांसद द्वारा पेश किया जाता है, जो कि मंत्री नहीं है.ऐसे विधेयक कम ही पास हो पाते हैं. अब तक सिर्फ 14 निजी सदस्य विधेयक ही पास हो पाए हैं. इनमें से 6 विधेयक सन् 1956 में पास किए गए थे.
ये भी पढ़ें- Sri Lanka Crisis: क्या आर्थिक बदहाली की वजह से भारत के करीब आ रहा है श्रीलंका?
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें.
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.
- Log in to post comments

LGBTQI (Representational image)
समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए NCP सांसद सुप्रिया सुले ने पेश किया बिल, दिए ये सुझाव