डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) की तीनों नगर निगम (Municipal Corporation) के एकीकरण के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है. संसद के दोनों सदनों से विधेयक के पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कानून को मंजूरी दे दी है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया था और कहा था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसका व्यापक विरोध किया था.
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किस अनुच्छेद के तहत पास हुआ यह कानून?
यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 239 (एए) के तहत दिए गए अधिकार के जरिए लाया गया था. इस प्रावधान के मुताबिक संसद को दिल्ली के संघ राज्य क्षेत्र से जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.
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क्या है AAP का रिएक्शन?
आम आदमी पार्टी इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती रही है. आम आदमी पार्टी ने पहले कहा था कि अगर एकीकरण करना ही था तो 7 साल बीजेपी के पास थे तब भी किया जा सकता था, लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में एकीकरण को माध्यम बनाकर चुनाव टाले गए हैं वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. नए कानूनों के बाद दिल्ली में मौजूदा तीन के स्थान पर एक महापौर होगा.
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Delhi के तीनों नगर निगम के एकीकरण का रास्ता साफ, राष्ट्रपति ने कानून को दी मंजूरी