डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में पुलिसकर्मी अब निजी वाहन या बाइक पर पुलिस विभाग से जुड़ा कोई स्टिकर या चिह्न नहीं लगा सकेंगे. हाई कोर्ट ने इस संबंध में नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट की नाराजगी के बाद पुलिस विभाग की ओर से आज नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि निजी वाहन पर ऐसा स्टिकर या चिह्न विशेषता का भाव दिखाता है जबकि सभी नागरिक अधिकार समान हैं.
हाई कोर्ट जता चुका है नाराजगी
बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट निजी वाहनों पर विभाग का स्टिकर लगाने पर नाराजगी जता चुका है. साल 2019 में भी हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि निजी वाहनों पर पुलिसकर्मियों के विभाग से जुड़े स्टिकर लगाने पर कार्रवाई हो सकती थी. हालांकि अभी तक अधिकारी निजी गाड़ियों पर स्टिकर लगा रहे थे लेकिन अब पुलिस विभाग ने ही आदेश जारी कर दिया है.
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इस वजह से कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि निजी वाहन पर विभाग का चिह्न या स्टिकर लगाना विशेषाधिकार की मंशा दिखाता है. वीआईपी कल्चर को लेकर पहले भी देश की अदालतों की ओर से कई बार सख्त टिप्पणी की जा चुकी है.
पीएम मोदी भी खिलाफ हैं वीआईपी कल्चर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं. 2017 में उन्होंने गाड़ियों पर लाल बत्ती हटाने का निर्देश दिया था जिसके बाद मंत्रियों और सांसदों ने गाड़ियों पर से लाल बत्ती हटाई थी. पीएम का कहना था कि वीआईपी कल्चर देश के लिए ठीक नहीं है.
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