डीएनए हिंदी: कोविड-19 (Covid-19) की महामारी के दौरान आक्सीजन से लेकर दवाइयां पहुंचाने के लिए हवाई यातायात की भी खूब मदद ली गई थी. इस दौरान पायलटों को कोरोना योद्धा घोषित किया गया था लेकिन अब उन्हीं में से एक पायलट को प्लेन क्रैश के लिए 85 करोड़ का बिल थमा दिया गया है. यह वाकया मध्य प्रदेश का है जहां के ग्वालियर में पिछले साल हुए विमान दुर्घटना मामले में राज्य सरकार ने पायलट को 85 करोड़ रुपए का बिल चुकाने का आदेश दिया है.
पिछले साल क्रैश हुआ था विमान
दरअसल पिछले साल ग्वालियर में यह विमान उस वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जब वह कोरोना सैंपल और कुछ दवाइयां लेकर ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड कर रहा था. ऐसे में पायलट को इस दुर्घटना का दोषी बताया गया है और उस पर 85 करोड़ का जुर्माना लगा है. ध्यान देने वाली बात यह है कि उसी पायलट को पिछले वर्ष महामारी के दौरान अपनी जान को जोखिम में डालने के लिए कोविड योद्धा कारार दिया गया था.
खबरों के मुताबिक पायलट का नाम कैप्टन माजिद अख्तर है. पिछले साल वो अपने साथ कोरोना टेस्ट के सैंपल और मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की एक खेप ले जा रहे थे. ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ उसका संचालन राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा था.
पायलट ने दी सफाई
गौरतलब है कि 85 करोड़ का बिल थमाए जाने पर पायलट ने आरोप लगाया है कि उसे एयरपोर्ट पर बैरियर के बारे में सूचित नहीं किया गया था जिसके कारण दुर्घटना हुई. इसके अलावा पायलट ने मामले विमान के संचालन से पहले बीमा नहीं होने की जांच की मांग की. पायलट ने कहा कि बीमा नहीं होने से पहले उसको उड़ने की अनुमति कैसे मिल गई.
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राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते पायलट को दिए अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि लगभग 60 करोड़ रुपये की लागत वाला राज्य विमान दुर्घटना में बर्बाद हो गया. इसके अलावा सरकार ने बिल में 25 करोड़ रुपए यह कहते हुए जोड़ा है कि उसे कोविड काल में निजी ऑपरेटरों के विमान को किराए पर लेने पड़े थे.
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