डीएनए हिंदी: बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिए भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. शहर में बाल अपराधों को रोकने के लिए पुलिस अब बच्चों से दोस्ती करेगी. पुलिस के ये नन्हे दोस्त उनकी बस्ती, मोहल्ले और कॉलोनियों में मौजूद ऐसे बच्चों का पता लगाएंगे जो छोटी उम्र में अपराध की चक्की में पिसते जा रहे हैं.
इसके लिए बच्चों को मुखबिरी के गुर सिखाए जाएंगे ताकि वे बता सकें कि उनके मोहल्ले में कौन ड्रग सप्लाई करता है और कौन बच्चों को गलत तरीके से छूता है. बच्चों को ट्रेनिंग देते हुए सिखाया जाएगा कि उन्हें किस तरह से मामलों से जुड़ी जानकारी को पुलिस तक पहुंचाना है.
इसके लिए पुलिस चाइल्डलाइन की मदद भी ली जा रही है. साथ ही सभी थाना क्षेत्र में बाल मंत्री पुलिस समूह भी बनाए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- Republic Day: Neeraj Chopra को मिलेगा परम विशिष्ट सेवा मेडल, 384 को वीरता पुरस्कार
संदिग्धों को पहचानने की दी जाएगी ट्रेनिंग
पुलिस बच्चों को इस बात की ट्रेनिंग देगी कि उन्हें संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी कब और कैसे देनी है. इसके लिए नुक्कड़ नाटक और रैप सॉन्ग का सहारा लिया जाएगा और इस तरह इशारों ही इशारों में बच्चे बाल अपराध के बारे में पुलिस को जानकारी दे सकेंगे.
कानूनों की दी जाएगी जानकारी
बता दें कि इससे पहले बच्चों को बाल अधिकारों एवं उनके सुरक्षा से जुड़े कानूनों के बारे में जानकारी दी जाएगी. साथ ही हर महीने एक मीटिंग की जाएगी जिसमें ये बच्चे और कम्युनिटी के लोग शामिल होंगे. इस बैठक में कम से कम 2 पुलिसकर्मियों का हिस्सा लेना अनिवार्य रहेगा.
ये भी पढ़ें- Republic Day: गणतंत्र दिवस पर Facial Recognition System से रखी जाएगी नजर, तैनात होंगे Snipers
डीएसबी को भी किया जा रहा है अपग्रेड
इसके अलावा भोपाल में लागू हुए पुलिस कमिश्नर सिस्टम के बाद पुलिस के लिए सूचनाएं जुटाने वाली जिला विशेष शाखा (डीएसबी) को भी अपग्रेड किया जा रहा है. अब डीएसबी के हर स्टाफ को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर चल रही सूचनाओं के साथ उन सूचनाओं को भी जुटाना होगा जो गोपनीय प्लानिंग का हिस्सा हैं फिर चाहे इसके लिए उन्हें किसी से दोस्ती बढ़ानी पड़े या अपना हुलिया ही क्यों न बदलना पड़े.
- Log in to post comments
MP में अब दिखेगी बच्चों और पुलिस की 'दोस्ती', नन्हे जवान बताएंगे- कौन करता है ड्रग्स सप्लाई, कौन करता है Bad Touch