डीएनए हिंदी: संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) इस बार हंगामे, धरना-प्रदर्शन और निलंबन के नाम रहा. हंगामे की वजह से यह सत्र अपने तय समय से चार दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. इस दौरान लोकसभा (Lok Sabha) में सिर्फ़ 48 प्रतिशत कामकाज हुआ. वहीं, राज्यसभा (Rajya Sabha) में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण 47 घंटे का कामकाज प्रभावित हुआ. संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने का कार्यक्रम था लेकिन लगातार हंगामे की वजह से सदन का सत्र पहले ही खत्म कर दिया गया. 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि इस सत्र में सदन में 16 बैठकें हुईं जिनमें 44 घंटे 29 मिनट कामकाज हुआ. लोकसभा सचिवालय के एक वक्तव्य के अनुसार, मानसून सत्र में सभा की प्रोडक्टिविटी 48 प्रतिशत रही. ओम बिरला ने कहा कि सत्र के पहले दिन सदन के चार नए सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया जिसके बाद अब सदन में एक भी जगह खाली नहीं है.

यह भी पढ़ें- ऑटोमेशन की वजह से 20 सालों में 69 प्रतिशत नौकरियों पर संकट, दुनिया में करोड़ों लोग होंगे बेरोजगार! 

लोकसभा में सिर्फ़ सात बिल हुए पास
स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में सदन में छह सरकारी विधेयक पेश किए गए और कुल मिलाकर सात विधेयक पारित किए गए जिनमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022, वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2022, केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 और ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 शामिल हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन में नियम 377 के तहत 318 विषय उठाए गए और शून्यकाल में लोक महत्व के 98 मामले उठाए गए. उन्होंने कहा कि संसद की स्थायी समितियों की 41 रिपोर्ट पेश की गईं और मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 47 वक्तव्य दिए. 

संसद में खूब हुआ हंगामा

उन्होंने बताया कि 46 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर मंत्रियों ने दिए. उन्होंने बताया कि सदन में महंगाई और खेलों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता और इस संबंध में सरकार के कदमों के विषय पर नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चर्चाएं भी हुईं. महंगाई पर चर्चा में 31 सदस्यों ने भाग लिया जो छह घंटे 25 मिनट तक चली और संबंधित मंत्री के उत्तर के साथ चर्चा संपन्न हुई. बिरला ने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा 91 विधेयक पेश किए गए और भारतीय जनता पार्टी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल के 'अनिवार्य मतदान विधेयक' को सभा की सहमति से वापस ले लिया गया. 

यह भी पढ़ें- प्राइवेट मेंबर बिल क्या होता है? क्या है इन्हें संसद में पेश करने की पूरी प्रक्रिया

जमकर हुआ हंगामा
मानसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही अधिकतर समय विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित रही. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर सदन में हंगामा किया. हंगामे के दौरान सदन में तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों को निलंबित भी किया गया जिनका निलंबन बाद में वापस लेने के साथ ही सदन में महंगाई पर चर्चा प्रारंभ हुई. 

राज्यसभा में मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होने के बाद महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण अधिकतर समय कामकाज बाधित रहा. सत्र के दौरान सदन में अमर्यादित आचरण के कारण विपक्ष के 23 सदस्यों को निलंबित किया गया. इन सदस्यों को 26, 27 और 28 जुलाई को उस सप्ताह के शेष दिनों के लिए निलंबित किया गया. सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि 18 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र में कुल 16 बैठकें हुईं. उन्होंने कहा कि इस दौरान 38 घंटे से ज्यादा काम हुआ लेकिन 47 घंटे कामकाज बाधित रहा.

यह भी पढ़ें- Space में जमा कचरा क्यों बन रहा इंसानों के लिए खतरा? जानिए क्यों उठ रही नए नियमों की मांग 

वेंकैया नायडू को दी गई विदाई
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नियमित रूप से कामकाज बाधित होता रहा जिससे सदस्यों ने लोक महत्व के अत्यावश्यक विषयों को सदन में उठाने का अवसर गंवा दिया. उन्होंने कहा कि साथ ही सदस्यों द्वारा पूरक प्रश्न पूछकर कार्यपालिका को जवाबदेह बनाने का अवसर भी गंवा दिया गया. सभापति ने कहा कि स्वीकृत किए गए 235 तारांकित प्रश्नों में से मात्र 61 का ही मौखिक रूप से उत्तर दिया जा सका. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान केवल 5 सरकारी विधेयकों पर चर्चा करके उन्हें पारित किया जा सका. इससे पहले, सोमवार को उच्च सदन में सभापति नायडू को विदाई दी गई. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता पीयूष गोयल, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विभिन्न दलों के नेताओं और कई सदस्यों ने नायडू के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने निष्पक्षता के साथ सदन की कार्यवाही का संचालन किया. सभापति के रूप में नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है. मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में जो विधेयक पारित किए गये उनमें राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के प्रावधान वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022, राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2022 और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 शामिल हैं. उच्च सदन में 2 अगस्त को महंगाई के मुद्दे पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
monsoon session of parliament 2022 productivity bills passed and all debates
Short Title
Monsoon Session: हंगामे के बीच खत्म हुआ मानसून सत्र, जानिए कितना हुआ काम और कितन
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है.
Caption

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है.

Date updated
Date published
Home Title

हंगामे के बीच खत्म हुआ संसद का मानसून सत्र, जानिए कितना हुआ काम और कितने घंटे हुए बर्बाद