डीएनए हिंदी: विपक्षी संगठन लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार भविष्य में कृषि कानून वापस ला सकती है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि सरकार की हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा पैदा किए जा रहे ‘‘भ्रम’’ से सावधान रहने का आग्रह किया.
नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का फैसला किया था. मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर में एक कृषि कार्यक्रम में दिए संबोधन के दौरान इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया और उनकी मंशा वह नहीं थी जो दिखाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "कार्यक्रम में मैंने कहा था कि हमने कृषि कानूनों पर एक कदम पीछे लिया है लेकिन सरकार किसानों की भलाई की दिशा में काम करने के लिए हमेशा आगे बढ़ती रहेगी. अत: इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और सरकार का कृषि कानूनों को फिर से लाने का कोई इरादा नहीं है."
कृषि मंत्री ने कहा कि "अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भ्रम फैलाने के नकारात्मक काम में" शामिल होने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि किसानों को इससे सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2006 में आयी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की थी. (इनपुट- भाषा)
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