डीएनए हिंदी: मणिपुर में मैतेई और नगा-कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा पर काबू कर लिया गया है. राज्य में शुक्रवार को हालात नियंत्रण में रहे, लेकन यह विवाद अब मेघालय तक फैल गया है. मेघालय की राजधानी शिलांग में भी मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई है. यहां पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 16 लोग गिरफ्तार कर लिए हैं. उधर, मणिपुर में हिंसा के बाद मैतेई समुदाय के लोग अपने घर छोड़कर असम पहुंच गए हैं. इससे वहां भी तनावपूर्ण हालात बन गए हैं. नगालैंड में भी कुकी समुदाय के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. ऐसे में इस विवाद के कारण पूरे नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के सुलगने के आसार बन गए हैं.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं अब तक क्या-क्या हुआ है.
1. मेघालय में मैतेई-कुकी छात्रों के बीच हुआ विवाद
मेघालय की राजधानी शिलांग में मणिपुर के बहुत सारे छात्र पढ़ रहे हैं. इन्हीं छात्रों में मैतेई और कुकी समुदाय के छात्रों के बीच विवाद हुआ है. पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटंगर के मुताबिक, गुरुवार रात को नोंग्रिम हिल्स इलाके में छात्रों के बीच विवाद में हिंसा हुआ थी. इसमें दो लोगों को गंभीर चोट आई है. पुलिस ने तत्काल सख्त कार्रवाई करते हुए 16 छात्रों को हिरासत में ले लिया था. हालात अब नियंत्रण में हैं.
2. मणिपुर में शांति, सेना हेलीकॉप्टर से कर रही निगरानी
मणिपुर में हिंसा के बाद तनाव का माहौल है, लेकिन शुक्रवार को कहीं से भी हिंसा की सूचना नहीं मिली है. सेना, असम राइफल्स और CRPF की टुकड़ियां जगह-जगह फ्लैग मार्च कर रही हैं. सेना के जवान हेलीकॉप्टर से भी हिंसा प्रभावित इलाकों में निगरानी कर रहे हैं. हिंसा प्रभावित 8 जिलों में कर्फ्यू और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध अब भी लागू है. दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश के बाद कहीं भी हिंसा नहीं हुई है.
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3. मणिपुर जाने वाली ट्रेनें रोकी गईं, पूर्व CRPF चीफ कुलदीप सिंह बुलाए गए
मणिपुर में हिंसा के हालात को देखते हुए वहां जाने वाली सभी ट्रेन फिलहाल रास्ते में ही रोक दी गई हैं. उधर, मणिपुर सरकार ने हालात संभालने के लिए पूर्व CRPF चीफ कुलदीप सिंह को बुलाया है. रिटायर्ड IPS अफसर कुलदीप सिंह को सुरक्षा सलाहकार के तौर पर तैनात किया गया है. PTI के मुताबिक, 1986 बैच के IPS अफसर रहे कुलदीप पिछले साल सितंबर में रिटायर हुए हैं. वे CRPF के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के भी महानिदेशक रह चुके हैं. CRPF में तैनाती के दौरान कुलदीप उत्तर-पूर्वी राज्यों और खासतौर पर मणिपुर में लंबे समय तक रहे हैं, इसलिए यहां के सामाजिक और भौगोलिक, दोनों हालात के वे एक्सपर्ट माने जाते हैं. कुकी विद्रोहियों के खिलाफ काम करने का उन्हें लंबा अनुभव रहा है.
4. आईजी लेवल के अधिकारियों को बनाया SHO
मणिपुर पुलिस के DGP पी. डोंगल ने बताया कि हालात सामान्य होने तक लोगों को घर पर ही रहने की सलाह दी जा रही है. हमने 23 पुलिस स्टेशन चिन्हित किए हैं, जिनका इंचार्ज यान SHO पुलिस के IG लेवल के अधिकारियों को बनाया गया है, जिससे वे लोगों का विश्वास जीत सकें. उन्होंने शूट एंड साइट ऑर्डर को लेकर कहा, सेना को बुलाया गया है. सरकार ने कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है और शूट एंड साइट (देखते ही गोली मारने) का आदेश दिया गया है, लेकिन ये आखिरी उपाय है.
5. असम पहुंचे मणिपुर छोड़कर मैतेई समुदाय के लोग
मैतेई समुदाय के लोग मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाके छोड़कर सुरक्षित इलाकों में जा रहे हैं. तीन दिन में करीब 11,000 लोगों के पलायन करने की सूचना है. राज्य प्रशासन ने करीब 7,000 लोगों को सुरक्षित जगह भेजने की बात मानी है. करीब 1,000 से ज्यादा लोग असम के कछार जिले में पहुंच गए हैं, जहां जिला प्रशासन ने उनके रहने और खाने की व्यवस्था की है. कछार पुलिस के एसपी नुमुल महाता के मुताबिक, मणिपुर से आए लोगों के लिए कुछ स्कूलों व अन्य जगह शेल्टर कैंप बनाए गए हैं. हम हालात की निगरानी कर रहे हैं. असम राइफल्स और सीआरपीएफ हमें इस काम में मदद कर रहे हैं. स्थानीय लोग भी मणिपुर से आए लोगों की मदद कर रहे हैं.
More than 1000 people from Manipur have now taken shelter in the district. They are now taking shelter in various parts of the district. We have made all arrangements for them in a few schools and other places. We are monitoring the situation. Assam Rifles, CRPF have also… pic.twitter.com/3Y5U41gsVo
— ANI (@ANI) May 5, 2023
क्या है मैतेई-कुकी के बीच ताजा हिंसा का कारण
मैतेई समुदाय मणिपुर की जनसंख्या का करीब 64 फीसदी हिस्सा है, जो घाटी के इलाकों में रहता है. मैतेई समुदाय के जनजातीय समुदाय नहीं होने से मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में बसने पर पाबंदी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक एरिया का सबसे बड़ा हिस्सा है. मैतेई समुदाय 17वीं सदी से इस इलाके में बसे होने के कारण अपने लिए जनजातीय दर्जे की मांग कर रहा है, जिसका विरोध मणिपुर के पहाड़ों पर रहने वाली नागा और कुकी जनजातियां कर रही हैं. मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का आदेश मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है, जिसके विरोध में बुधवार को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने बुधवार को आदिवासी एकता मार्च निकाला था. इसी मार्च के दौरान दोनों समुदाय आपस में भिड़ गए थे और हिंसा फैल गई थी. यह हिंसा राज्य के 8 जिलों इंफाल वेस्ट, काकचिंग, थोउबाल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल में सबसे ज्यादा फैली है, जिनमें कर्फ्यू लगा हुआ है.
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