डीएनए हिंदी: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि वह किसी भी पार्टी की ओर से मिले राष्ट्रपति पद के प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं करेंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और RSS ने उनके समर्थकों को गुमराह करने के लिए यह झूठा प्रचार किया था कि अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा को जीतने दिया गया, तो उनकी बहन जी (मायावती) को राष्ट्रपति बनाया जाएगा.
पार्टी की विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद बसपा प्रमुख मायावती रविवार को लखनऊ में पहली बार आयोजित पदाधिकारियों, प्रमुख कार्यकर्ताओं और पूर्व प्रत्याशियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं. उत्तर प्रदेश में चार बार की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि चुनाव में बसपा को कमजोर करने के लिए भाजपा ने एक सोची समझी साजिश के तहत काम किया.
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मायावती ने कहा, "भाजपा ने अपने संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जरिए हमारे लोगों में यह गलत प्रचार कराया कि यूपी में बसपा की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहन जी को देश का राष्ट्रपति बनवा देंगे, इसलिए आपको भाजपा को सत्ता में आने देना चाहिए."
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मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और इससे पहले ही इस पद के लिए चुनाव होना है. बसपा मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि उनके लिए राष्ट्रपति बनना तो बहुत दूर की बात है, वह इस बारे में अपने सपने में भी नहीं सोच सकतीं.
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बसपा प्रमुख ने कहा, "बहुत पहले ही मान्यवर कांशीराम ने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मैं तो उनके पदचिह्नों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं." उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "जब उन्होंने (कांशीराम) यह पद स्वीकार नहीं किया तो भला फिर मैं कैसे यह पद स्वीकार कर सकती हूं."
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मायावती ने कहा कि वह अपनी पार्टी और आंदोलन के हित में कभी भी भाजपा या अन्य किसी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद स्वीकार नहीं कर सकतीं. उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग ऐसी अफवाहों से गुमराह न हों. उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का अनुरोध किया. मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने गरीब वर्ग को रोजगार देने की बजाय थोड़ा मुफ्त राशन देकर उन्हें अपना गुलाम व लाचार बना दिया है, जिससे इनको बाहर निकालना है.
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वर्गों के साथ-साथ दलितों में भी मेरी जाति (जाटव) को छोड़कर जो अन्य दलित जाति के लोग हैं, उन्हें भी इन पार्टियों के हिंदुत्व से बाहर निकालकर बसपा से जोड़ना है. बसपा प्रमुख ने अपनी जिंदगी का एक-एक पल पार्टी को समर्पित करने का ऐलान करते हुए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी (बसपा) को फिर से सत्ता में लाने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा.
उन्होंने यह भी दावा किया कि अब मुस्लिम समाज के लोग सपा को वोट देकर पछता रहे हैं. मायावती ने कहा कि यूपी में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए कदम-कदम पर सभी को जातिवादी, पूंजीवादी व सामंतवादी ताकतों से काफी कड़े संघर्ष का सामना करना होगा. लेकिन इसके लिए अब उन्होंने फिर से कमर कस ली है.
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उन्होंने कहा कि ''अब मेरा जीवन ही संघर्ष है और संघर्ष ही मेरा जीवन है, अर्थात अब मेरी जिंदगी का एक-एक पल पूरे देश में अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने पर ही लगेगा.'' बसपा अध्यक्ष ने अति पिछड़े वर्गों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा अगड़ी जातियों में खासकर गरीब, दुखी व पीड़ित लोगों को भी जोड़ने पर जोर दिया.
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