Mathura Water Tank Collapsed: उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में एक बड़ा हादसा हो गया है. कृष्णा विहार कॉलोनी में पानी की टंकी ध्वस्त हो गई. ओवरहेड टैंक ढहने से उसमें भरे करीब ढाई लाख लीटर पानी से अचानक जल सैलाब आ गया, जिससे आसपास के कई मकानों में मलबा भर गया. इस मलबे की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो गई है और 12 अन्य घायल हुए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है. जिला प्रशासन मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है.
5 पॉइंट्स में जानिए अब तक का पूरा हाल-
1. आवास विकास परिषद की कॉलोनी में हुआ हादसा
यह हादसा मथुरा के थाना कोतवाली इलाके में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने बीएसए डिग्री कॉलेज के पीछे कृष्णा विहार कॉलोनी विकसित की है. कॉलेनी में बनी करीब ढाई लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी रविवार शाम को अचानक सामान्य बूंदाबांदी के बीच ही ढह गई. पानी की टंकी फटते ही ढाई लाख लीटर पानी जल सैलाब की तरह नीचे गिरा. पानी के साथ टंकी का मलबा भी तेजी से बहकर आसपास के घरों से टकरा गया. इससे कई मकान भी ध्वस्त हो गए और उनमें रहने वाले लोग मलबे में दब गए. मलबे की चपेट में बाहर गली में खेल रहे कई बच्चे भी आ गए हैं.
2. अस्पताल ले जाते समय हुई दो महिलाओं की मौत
हादसे की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. मलबा हटाकर अंदर दबे लोगों को निकालकर अस्पताल भेजा गया. स्वास्थ्य विभाग की क्विक रिस्पॉन्स टीम के प्रभारी डॉ. भूदेव प्रसाद ने बताया कि दो घायल महिलाओं सुंदरी (65 साल) और सरिता (27 साल) की रास्ते में ही मौत हो गई. हादसे में 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 11 का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. एक घायल नवाब (35 साल) की हालत ज्यादा गंभीर है. उसे इलाज के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है.
3. तीन साल पहले गंगाजल योजना के तहत बनी थी टंकी
कृष्णा विहार कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए तीन साल पहले ओवरहेड टंकी का निर्माण किया गया था. जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक,करीब ढाई लाख लीटर पानी की क्षमता वाली इस टंकी का निर्माण जल निगम ने कराया था. टंकी को गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत 6 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया था. टंकी के निर्माण वर्ष 2021 में ही पूरा हुआ था. उन्होंने टंकी के मटीरियल की गुणवत्ता की जांच कराने की बात कही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आसपास रहने वाले लोगों ने बताया है कि इस टंकी के निर्माण के समय ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे. खराब मटीरियल के कारण यह महज 3 साल में गिर गई है.
4. मलबे में खोजी जा रही है 'जिंदगी'
जिलाधिकारी के मुताबिक, मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबा हटाकर जिंदा लोगों की तलाश की जा रही है. इस काम में फायर ब्रिगेड और पुलिस के साथ ही राजस्व, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी लगी हुई हैं.
5. NDRF को भी बुलाया गया है मौके पर
जिलाधिकारी ने बताया कि मलबे के अंदर लोगों के दबे होने की आशंका के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए NDRF की भी मदद मांगी गई है, जिसकी टीम मौके पर पहुंचने वाली है. उन्होंने कहा, 'जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाएगा कि मलबे में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं है, तब तक बचाव कार्य जारी रहेगा.' उन्होंने बताया कि मलबे में मकान ध्वस्त हुए परिवारों के पीड़ित लोगों के लिए भोजन और उनके रहने की व्यवस्था राजस्व विभाग कर रहा है.
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