Manipur President Rule: पिछले एक साल से भयानक जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार शाम को इस फैसले की अधिसूचना जारी कर दी है. यह फैसला 9 फरवरी को राज्य की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद नए मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला नहीं ले पाने के कारण लिया गया है. मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच मई 2023 से चल रही जातीय हिंसा के दौरान 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हुए हैं.

दो दिन से पात्रा इंफाल में डटे हुए थे नया सीएम तय करने के लिए
मणिपुर में लगातार चल रही हिंसा के बीच विपक्ष के निशाने पर सबसे ज्यादा एन. बीरेन सिंह थे, जिनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की जा रही थी. सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था. इसके बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने सांसद व पार्टी के नॉर्थ-ईस्ट इंचार्ज संबित पात्रा (Sambit Patra) को वहां भेजा हुआ था, जो विधायकों के बीच नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए वे विधायकों के अलावा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और मणिपुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा देवी के साथ कई बैठक कर चुके थे. इसके बावजूद किसी नाम पर सहमति नहीं बन सकी थी.

कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले थे भाजपा विधायक
बता दें कि बीरेन सिंह ने राज्य विधानसभा के 10 फरवरी से शुरू हो रहे सत्र से महज एक दिन पहले इस्तीफा दिया था. यह इस्तीफा कांग्रेस की तरफ से विधानसभा सत्र के दौरान बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की खबरों के बीच आया था. इन खबरों में दावा किया गया था कि कई भाजपा विधायक भी कांग्रेस के इस प्रस्ताव का समर्थन कर सकते हैं. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के चलते यह विधानसभा सत्र स्थगित हो गया है.

छह महीने में दो सत्र नहीं होने के कारण लगा राष्ट्रपति शासन
मणिपुर विधानसभा की आखिरी बैठक 12 अगस्त, 2024 को हुई थी. बुधवार शाम को यह बैठक खत्म हुए 6 महीने का समय पूरा हो गया था. संविधान के अनुच्छेद 174(1) के मुताबिक, किसी भी राज्य में दो विधानसभा सत्र के बीच छह महीने से ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए. ऐसे में संवैधानिक संकट की स्थिति बनने के कारण केंद्र सरकार को गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है.

अब कैसे संचालित होगा मणिपुर का शासन?

  • राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मणिपुर में प्रशासनिक मुखिया राज्यपाल बन जाता है.
  • राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में केंद्र सरकार के निर्देशों पर शासन करता है.
  • अपरोक्ष रूप से कहा जाए तो राज्य में केंद्र सरकार का शासन लागू हो जाता है.
  • राष्ट्रपति शासन के दौरान यदि राज्य के लिए किसी कानून की जरूरत पड़ती है तो उसे संसद बनाती है.
  • संसद सत्र नहीं चलने की स्थिति में राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर अध्यादेश जारी कर सकता है.
  • राष्ट्रपति शासन अधिकतम 3 साल लागू हो सकता है, लेकिन हर 6 महीने में संसद की अनुमति जरूरी होती है.

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Manipur President rule updates MHA imposed president rule in Manipur as BJP fails to pick new CM after n biren singh read manipur news
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Manipur President Rule: भाजपा नहीं चुन पाई मणिपुर में नया सीएम, लगाना पड़ा राष्ट
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भाजपा नहीं चुन पाई मणिपुर में नया सीएम, लगाना पड़ा राष्ट्रपति शासन

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