डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को महाराष्ट्र के सोलापुर (Solapur) जिले में गन्ने (Sugar Cane) की पैदावार में हुई वृद्धि पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अगर उपज इसी तरह जारी रही तो एक दिन आएगा, जब आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
नितिन गडकरी सोलापुर शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि वह सोलापुर में जल संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों को देखकर खुश हैं, जो एक समय सूखे के प्रति संवेदनशील जिला हुआ करता था.
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पानी की उपलब्धता में हुआ सुधार
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'इस कार्य से कुओं का जलस्तर बढ़ गया, जिससे खेती और पीने के लिए पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ. हालांकि, इस क्षेत्र में करने के लिए और भी बहुत कुछ है.'
नितिन गडकरी ने कहा है कि स्थानीय नेता बाबनदादा शिंदे ने मुझे बताया कि 22 लाख गन्ना नष्ट कर दिया गया है. अगर जिले में इस तरह से फसल नष्ट की जा रही है तो मेरे शब्दों को याद रखिएगा कि यदि गन्ने की पैदावार इसी तरह जारी रही तो एक दिए ऐसा आएगा, जब आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
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नितिन गडकरी ने क्यों जताई है चिंता?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के यह कहने की एक वजह है. सोलापुर में गन्ने की खेती बड़ी मात्रा में होती है. गन्ने की खेती के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है. ज्यादा पानी के इस्तेमाल की वजह से जलस्तर डैमेज होता है जो भविष्य में किसानों के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है. नितिन गडकरी ने इसी वजह से यह बात कही है.
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सोलापुर में गन्ने की ज्यादा पैदावार से चिंतित क्यों हैं Nitin Gadkari?