डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक अहम फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन के नाम पर नाबालिग के साथ संबंध में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हाई कोर्ट ने कहा है कि बालिग युगल का लिव-इन रिलेशनशिप में एकसाथ रहना अपराध नहीं है, लेकिन यदि दोनों में से कोई एक भी नाबालिग है तो यह संबंध अवैध माना जाएगा. ऐसे मामले में कोई कानूनी संरक्षण दिया गया तो यह समाज और कानून के खिलाफ होगा. हाई कोर्ट ने ऐसे संबंध को चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के खिलाफ माना है. हाई कोर्ट ने इसके साथ ही बालिग महिला और नाबालिग लड़के के लिव-इन रिलेशनशिप मामले में कानूनी कार्रवाई से राहत देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.

'18 साल से कम उम्र पुरुष बच्चा है, जिससे संबंध नहीं बना सकते'

जस्टिस वीके बिड़ला और जस्टिस राजेंद्र कुमार की डिविजन बेंच सलोनी यादव और उनके लिव-इन रिलेशनशिप पार्टनर अली अब्बास की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सलोनी ने खुद को 19 साल की बालिग बताते हुए कहा था कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर अब्बास के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है. इसलिए मेरे अपहरण का केस रद्द किया जाए और हमारी गिरफ्तारी पर रोक लगे. हाई कोर्ट बेंच ने कहा, नाबालिग के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना पोक्सो एक्ट (Pocso Act) के तहत अपराध है. 18 साल से कम आयु का याची बच्चा है, जिसके साथ पोक्सो एक्ट के तहत संबंध नहीं बनाया जा सकता. इस कारण कोई राहत नहीं दी जा सकती. ऐसी अनुमति देने से समाज में अवैध संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. यह समाज हित में नहीं है.

'मुस्लिम कानून में भी लिव-इन रिलेशन को मान्यता नहीं'

हाई कोर्ट बेंच ने लिव-इन रिलेशनशिप के इस मामले में एक याची के मुस्लिम होने के कारण भी संबंध को गलत बताया. हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिम कानून में लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता नहीं है. बिना धर्म बदले संबंध बनाना अवैध माना गया है. साथ ही बेंच ने कहा, लिव-इन रिलेशनशिप शादी नहीं है, इसलिए पीड़िता धारा 125 का भी लाभ नहीं पा सकती, जिसके तहत तलाकशुदा महिला को गुजारा भत्ता पाने का हक है. बालिग महिला का नाबालिग के साथ लिव-इन में रहना अनैतिक भी है और गैरकानूनी भी है. ऐसे लिव-इन रिलेशन को कोई संरक्षण नहीं मिल सकता. अनुच्छेद 226 के तहत यह केस हस्तक्षेप के योग्य नहीं है. 

बालिग महिला का नाबालिग लड़के ने अपहरण किया, ये जांच करे तय

बेंच ने गिरफ्तारी पर रोक को लेकर कहा, बालिग महिला का नाबालिग पुरुष अपहरण कर सकता है या नहीं यह पुलिस विवेचना से तय होगा. इससे पहले सरकारी वकील ने दोनों पर पुलिस जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था. दोनों पर सीआरपीसी की धारा 161 या 164 के तहत बयान दर्ज नहीं कराने का भी आरोप वकील ने लगाया. सरकारी वकील ने याची महिला के भाई पर नाबालिग याची को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए उसे कोर्ट में पेश करने की मांग की गई. 

इस मामले में सलोनी यादव के परिवार ने कौशाम्बी के पिपरी थाने में उसके अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में अली अब्बास पर सलोनी का प्रयागराज से अपहरण कर जबरन जलालपुर घोसी ले जाने का आरोप लगाया गया था. पुलिस इस मामले में अली अब्बास की गिरफ्तारी और सलोनी को बरामद करने की कोशिश कर रही है. इसी के खिलाफ दोनों राहत पाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे थे.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Live-in Relationship between minors are illegal Allahabad High court decision child protection act latest news
Short Title
'नाबालिग के साथ संबंध अवैध' लिव-इन रिलेशन पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Court Hammer (Representational Image)
Date updated
Date published
Home Title

'नाबालिग के साथ संबंध अवैध' लिव-इन रिलेशन पर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला