डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ समय से लगातार सांप्रदायिक हिंसा की खबरें आम हो गई हैं. हालांकि इसे सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी दल भाजपा (BJP) के बीच की राजनीतिक रंजिश का नतीजा बताकर टाला जाता रहा है, लेकिन अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने खुले तौर पर दिसंबर में राज्य के सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलसने की चेतावनी दी है. रंगाघाट (Rangaghat) में ममता बनर्जी ने अधिकारियों की बैठक में कहा कि उत्तरी बंगाल (North Bengal) को अलग करने के लिए सीमापार से साजिश रची जा रही है. ममता ने बांग्लादेश (Bangladesh) का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि इसके लिए उत्तरी बंगाल में बड़े पैमाने पर सीमापार से स्मगलिंग के जरिये विस्फोटक हथियार लाए गए हैं. बनर्जी ने अधिकारियों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग दिसंबर से बंगाल को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने की साजिश रच रहे हैं, इसलिए छोटी-बड़ी सभी घटनाओं पर नजर रखी जाए.
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ममता बनर्जी ने ऐसी चेतावनी क्यों दी है और उत्तरी बंगाल को अलग करने की साजिश क्यों रची जा सकती है? इन सवालों का जवाब पाने के लिए उत्तरी बंगाल कहलाने वाले इलाके के बारे में जानना बेहद जरूरी है. आइए बताते हैं इस इलाके का भूगोल...
बांग्लादेश से सटा हुआ है उत्तरी बंगाल
पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका पूरे राज्य का करीब 24% हिस्सा है, जिसमें राज्य की करीब 22% आबादी रहती है. उत्तरी बंगाल में 8 जिले कूच बिहार (Cooch Behar), अलीपुरद्वार (Alipurduar), जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri), दार्जिलिंग (Darjeeling), कलीमपोंग (Kalimpong), उत्तर दिनाजपुर (Uttar Dinajpur), दक्षिण दिनाजपुर (Dakshin Dinajpur) और मालदा (Malda) आते हैं. यह इलाका बांग्लादेश (Bangladesh) से सटा हुआ है, जिसे गंगा नदी दक्षिणी बंगाल से अलग बांटती है. भौगोलिक रूप से बांग्लादेश के राजशाही डिविजन (Rajshahi Division) व रंगपुर डिविजन (Rangpur Division) और बिहार (Bihar) के किशनगंज (Kishanganj) भी आजादी से पहले उत्तरी बंगाल का ही हिस्सा होते थे.
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उत्तरी बंगाल हिंदू बाहुल्य, 2 जिलों में मुस्लिम ज्यादा
उत्तरी बंगाल के इलाकों को हिंदु बाहुल्य माना जाता है. साल 2011 की जनगणना के हिसाब से यहां 65.32% आबादी हिंदू है, जबकि 30.39% आबादी मुस्लिम है. हालांकि स्थानीय स्तर पर देखा जाए तो यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी 4 जिलों में ही है. मालदा में 51.3% और उत्तरी दिनाजपुर में 50% मुस्लिम आबादी है. कूच बिहार और दक्षिणी दिनाजपुर में 25% आबादी मुस्लिम है.
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NRC लागू हुई तो ये चारों जिले ही आएंगे संकट में
उत्तरी बंगाल के भरपूर मुस्लिम आबादी वाले चारों जिले बांग्लादेश से सटे हुए हैं. यहां की मुस्लिम आबादी बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण ही बढ़ने का आरोप लगाया जाता रहा है. इन जिलों में सांप्रदायिक हिंसा की खबरें भी आम बात हैं. केंद्र सरकार के पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) लागू करने की स्थिति में सबसे ज्यादा संकट बंगाल के इन्हीं जिलों में रहने वाली आबादी को हो सकता है. हालांकि यहां पर बांग्लादेश से पलायन करके आए हिंदू शरणार्थी और घुसपैठिए भी मौजूद हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं है.
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बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव भी
बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव भी होने वाले हैं. पिछले कुछ दशक के दौरान बंगाल में किसी भी तरह के चुनाव से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए सांप्रदायिक हिंसा बढ़ने का इतिहास रहा है. इस कारण भी ममता बनर्जी ने बंगाल में दिसंबर महीने से सांप्रदायिक हिंसा करने की साजिश की चेतावनी दी है.
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सीमापार से रची जा रही बंगाल विभाजन की साजिश, जानिए CM ममता बनर्जी ने दी है क्या चेतावनी