डीएनए हिंदी: हर साल 1 मई को पूरी दुनिया में मजदूर दिवस (Labour Day) के नाम से मनाया जाता है. इस दिन को लेबर डे, श्रमिक दिवस, मई डे आदि नामों से भी जाना जाता है. मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया मजदूरों के संघर्ष और बलिदानों को याद कर सके. 1 मई , 1886 को अमेरिका में आंदोलन शुरू हुआ जिसके बाद तय हुआ कि हर मजदूर से दिन के केवल 8 घंटे ही काम लिया जाए. आइए जानते हैं कि काम के घंटों के हिसाब से आप दुनिया भर के अपने साथियों के कितने पास या कितने दूर हैं? 

हफ्ते में 48 घंटे का काम का मानक 

करीब 103 साल पहले अंतरार्ष्ट्रीय श्रम मानक (1919) के कन्वेंशन नंबर 1 के मुताबिक दुनिया में किसी भी व्यक्ति को 48 घंटे ही काम करना चाहिए. मगर आज भी दुनिया का एक तिहाई वर्क फोर्स प्रति सप्ताह 48 घंटे से ज्यादा काम करती है. दुनिया के विकसित देशों में काम करने के घंटे कम हुए हैं लेकिन अभी दुनिया का एक बड़ा हिस्सा संघर्ष कर रहा है.

दक्षिणी एशिया में 55 प्रतिशत आबादी करती है 48 घंटे से ज्यादा काम  

अगर इसी आंकड़े को दुनिया में क्षेत्रवार बांट दे तो पूर्वी यूरोप बेहतर है यहां पर महज 5 प्रतिशत वर्कफोर्स 48 घंटे से ज्यादा काम करती है. वहीं भारत और पड़ोसी देशों वाला दक्षिणी एशिया क्षेत्र इस पैमाने पर सबसे कमजोर हैं. यहां की करीब 55 प्रतिशत आबादी 48 घंटों से ज्यादा काम करती है.  

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विकसित देश बनाम विकासशील देश  

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन (ILO) के रिसर्च के अनुसार हफ्ते में 48 घंटें से ज्यादा काम करने के मानक पर विकसित और विकासशील देशों के बीच दोगुने से ज्यादा अंतर हैं.  जहां विकसित देशों में महज 15.3 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ही हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम करती है. वहीं विकासशील देशों के करीब 40.5 प्रतिशत आबादी को ज्यादा काम करना पड़ता है.  

भारतीय दुनिया में सबसे ज्यादा घंटे काम करने वाले देशों में  
देश   रेफरेंस साल-    सप्ताह में रोजगार प्राप्त व्यक्ति के  काम के घंटे  
 
गैम्बिया    2018   49.84 
कतर   2019 48 
भारत    2019   47.86 
जॉर्डन    2019  47.47 
मंगोलिया    2020  46.81 
Source : ILO 2022, Reference year 2018,2019,2020 

BRICS देशों के मुकाबले भारत  

अगर BRICS देशों की बात करें तो भारत के सभी साथी देश इस मानक पर भारत से बेहतर हैं. जहां ब्राजील और रूस में क्रमश: 35 और 38 घंटे ही काम करते हैं. वहीं चीन (46.61) और दक्षिणी अफ्रीका (46.81) भी भारत (47.86) से बेहतर स्थिति में है.  

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देश  रेफरेंस साल-   सप्ताह में रोजगार प्राप्त व्यक्ति के काम के घंटे  
ब्राजील   2020  35.11 
रूस   2019  37.79 
चीन   2016  46.61 
दक्षिणी अफ्रीका  2020  46.81 
भारत   2019  47.86 
Source : ILO 2022, Reference year 2018, 2019, 2020  
 
विकसित देशों के पास भारत से 10 घंटे ज्यादा 

जैसा कि हमने ILO के रिसर्च में जाना था कि विकसित देशों और विकासशील देशों के बीच काम के घंटो का अंतर बहुत ज्यादा है. ऐसे में नीदरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड , अमेरिका, यूके, फ्रांस, इटली आदि देशों में हफ्ते में काम के घंटे 35 से कम हैं. यानि विकसित देशों के पास भारतीयों से करीब 10 घंटे ज्यादा मिलते हैं.  

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देश  रेफरेंस साल-   सप्ताह में रोजगार प्राप्त व्यक्ति के काम के घंटे  

नीदरलैंड   2020  31.74 
कनाडा  2019  32.1 
न्यूजीलैंड   2019  33 
यूएसए   2020  35.9 
यूके   2019  35.85 
फ्रांस  2020  35.88 
इटली   2020  35.82 
फिनलैंड   2020  35.78 
बेल्जियम   2020  35.71 
Source : ILO 2022, Reference year 2018,  2019,  2020

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विकसित देशों के मुकाबले भारतीय करते हैं हफ्ते में 10 घंटे ज्यादा काम
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भारत में श्रम सुधार की दिशा में हो रहा है काम. (सांकेतिक तस्वीर)
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भारत में श्रम सुधार की दिशा में हो रहा है काम. (सांकेतिक तस्वीर)

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 Labour Day: विकसित देशों के मुकाबले भारतीय करते हैं हफ्ते में 10 घंटे ज्यादा काम