Kunwar Sarvesh Singh Passes Away: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के अगले ही दिन भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह (Kunwar Sarvesh Singh) का शनिवार (20 अप्रैल) को निधन हो गया है. इस सीट पर पहले चरण में शुक्रवार को पहले चरण में ही मतदान हुआ था, जिसमें सपा की अंदरूनी फूट के चलते कुंवर सर्वेश सिंह के जीतने की पूरी संभावना जताई जा रही है. कुंवर सर्वेश सिंह 71 साल के थे. वह पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थे. भाजपा ने बाहुबली नेता होने के चलते कुंवर सर्वेश सिंह की बीमारी के बावजूद मुरादाबाद सीट से उनके नाम पर दांव खेला था, लेकिन टिकट की घोषणा के बाद से ही वे लगातार अस्पताल में भर्ती थे. कुंवर सर्वेश सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है. उन्होंंने ट्वीट में लिखा, कुंवर सर्वेश सिंह आखिरी सांस तक जनता की सेवा में समर्पित रहे.
2014 में बने थे पहली बार सांसद
कुंवर सर्वेश सिंह पांच बार विधायक रह चुके हैं. मुरादाबाद के दबंग नेताओं में गिने जाने वाले कुंवर सर्वेश सिंह ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से विधायक के तौर पर जीतते रहे थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार मुरादाबाद सीट से जीत हासिल की थी और सांसद बने थे. साल 2014 में मुरादाबाद की कांठ विधानसभा इलाके में लाउडस्पीकर विवाद में सर्वेश कुमार की बेहद चर्चा हुई थी. इस विवाद ने उन्हें बाहुबली नेता के तौर पर प्रसिद्ध कर दिया था.
Prime Minister Narendra Modi tweets, "I am deeply saddened by the untimely demise of BJP candidate from Moradabad Lok Sabha seat and former MP Kunwar Sarvesh Singh ji. He remained dedicated to public service and social service till his last breath. His demise is an irreparable… pic.twitter.com/qiUoRi7mry
— ANI (@ANI) April 20, 2024
बेटा ने पहले ही संभाल रखी है राजनीतिक विरासत
पेशे से बिजनेसमैन कुंवर सर्वेश की राजनीतिक विरासत पहले ही उनके बेटे कुंवर सुशांत सिंह ने संभाल रखी है, जो फिलहाल विधायक हैं. कुंवर सुशांत ने बढ़ापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जो मुरादाबाद लोकसभा सीट के दायरे में ही आती है.
सपा की अंदरूनी कलह में जीत लग रही थी पक्की
मुरादाबाद सीट पर कुंवर सर्वेश सिंह के सामने समाजवादी पार्टी की ही बड़ी चुनौती थी, जिसके टिकट पर साल 2019 में यहां से मुस्लिम नेता डॉ. एसटी हसन ने जीत हासिल की थी. एसटी हसन ने सर्वेश सिंह को ही साल 2019 में करीब 98 हजार वोट से हराया था. इस बार सपा ने पहले एसटी हसन को इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन फिर अचानक ठाकुर समुदाय से ही आने वालीं रूचि वीरा सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इसे लेकर बेहद विवाद भी हुआ था. एसटी हसन ने इसके बाद से ही चुनाव कैंपेन से दूरी बना रखी थी. सपा की इस अंदरूनी कलह का लाभ कुंवर सर्वेश सिंह का मिलने की संभावना के चलते उनकी जीत तय मानी जा रही है. 19 अप्रैल को हुए मतदान में मुरादाबाद सीट पर 60.60% वोटिंग हुई थी, जिसमें मुरादाबाद शहर विधानसभा सीट के इलाके में कम मतदान होने के चलते भी कुंवर सर्वेश सिंह को लाभ मिलने के आसार लग रहे थे.
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Breaking: नहीं रहे कुंवर सर्वेश सिंह, मुरादाबाद सीट पर मतदान के एक दिन बाद हुआ BJP कैंडीडेट का निधन