डीएनए हिंदी: Kota Student Suicide Updates- पूरे देश में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए मशहूर कोटा शहर अब 'सुसाइड हब' के तौर पर बदनाम है. इस साल ही अब तक 20 से ज्यादा छात्र सुसाइड कर चुके हैं. इसके लिए कोचिंग इंस्टीट्यूशंस की तरफ से छात्रों पर ज्यादा मानसिक दबाव बनाए जाने का आरोप लग रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस सारे विवाद में एक बड़ी बात कह दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इंस्टीट्यूशंस नहीं मां-बाप हैं, जो अपने बच्चों को राजस्थान के कोटा जैसे कोचिंग हब में भेजने के बाद फिर उन पर अनावश्यक दबाव बढ़ाते हैं. इससे ही छात्रों की ज्यादा आत्महत्या देखने को मिल रही है.
प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूशंस के लिए रेगुलेशन की मांग पर बोला टॉप कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिनमें प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए रेगुलेशन तय करने की मांग की गई थी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भाटी ने सोमवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई की. डिवीजन बेंच ने कहा, कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर आरोप नहीं लगाया जा सकता. पेरेंट्स अपने बच्चों पर एक बेहद हाई कॉम्पिटिशन वाले माहौल में अनावश्यक दबाव बना रहे हैं, जो छात्रों को जिंदगी खत्म करने की तरफ ले जा रहा है.
और ज्यादा हो सकता है मौत का आंकड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि पढ़ाई के इस दबाव के कारण मौत का आंकड़ा और ज्यादा बड़ा हो सकता है. कोर्ट ने कहा, एग्जाम में कॉम्पिटीशन ज्यादा होता जा रहा है और पेरेंट्स को अपने बच्चों से बहुत सारी उम्मीदें होती हैं. ऐसे एग्जाम में छात्र एक अंक या आधा अंक से भी सफलता से चूक रहे हैं. इसके चलते वे दबाव के साथ तालमेल बैठाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. कोर्ट ने आगे कहा, हालांकि हममें से अधिकतर यह नहीं चाहेंगे कि किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट की जरूरत पड़े, लेकिन हमारे स्कूलों के हालात देखिए. बेहद तगड़ा कॉम्पिटीशन है और छात्रों के पास कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.
कोचिंग रेगुलेशन बनाना पॉलिसी मैटर, सरकार को नहीं दे सकते आदेश
जनहित याचिका की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट बेंच ने इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा, कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए रेगुलेशन बनाना पॉलिसी मैटर है और हम सरकार को सीधे पॉलिसी बनाने के लिए निर्देश नहीं दे सकते. कोर्ट की तरफ से याचिकाकर्ता को सरकार के सामने मामला रखने की सलाह दी गई. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं मां-बाप मार रहे बच्चों को' सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही इतनी कड़वी बात