Kathua Encounter Updates: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में करीब 2 दशक बाद आतंकियों के बड़े हमले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 5 जवान अब भी अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं. घायल जवानों को बिल्लावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एयरलिफ्ट करते हुए पठानकोट के मिलिट्री हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है, जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. बिल्लावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मेडिकल ऑफिसर शीला देवी ने इस बात की पुष्टि की है. हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ माना जा रहा है, जिनके साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ मंगलवार सुबह भी जारी है. सेना ने पूरे इलाके में ड्रोन के जरिये सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है ताकि आतंकी भागकर निकलने में सफल नहीं हो पाएं. इस हमले को लेकर पूरे देश में शोक का माहौल है.
5 पॉइंट्स में जानिए इस मुठभेड़ से जुड़ी सारी ताजा जानकारी-
1. हमले के पीछे जैश का हाथ, डोडा आतंकी हमले से है कनेक्शन
कठुआ के मचेड़ी इलाके में आतंकियों ने सेना के वाहन पर हैंड ग्रेनेड से अटैक किया था. हमले का यह तरीका पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammed) की पहचान रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी भी कश्मीर टाइगर्स ने ली है, जो जैश का ऑफशूट आतंकी संगठन है. यह मुखौटा संगठन जैश की तरफ से तब खड़ा किया गया था, जब पाकिस्तान को अपने ऊपर FATF की तरफ से लगाए आर्थिक प्रतिबंध हटवाने के लिए जैश और लश्कर-ए-ताइबा आदि आतंकी सगंठनों के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई करनी पड़ी थी. सूत्रों के मुताबिक, इस आतंकी हमले में 7 पाकिस्तानी आतंकियों का वही ग्रुप शामिल है, जिनमें से 3 आतंकी डोडा जिले के गंदोह इलाके में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस के ADGP आनंद जैन ने भी माना है कि कठुआ आतंकी हमले के आतंकियों का कनेक्शन डोडा के गंदोह और भद्रवाह में जून में एनकाउंटर के दौरान ढेर किए गए तीन आतंकियों से हो सकता है.
VIDEO | Kathua terrorist ambush: Injured jawans, who were brought to Community Health Centre in Billawar, being taken to Military Hospital in Pathankot.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2024
Note: Visuals deferred by unspecified time. pic.twitter.com/yFmfUCRAWc
2. दो दशक बाद कठुआ के पुराने रूट पर लौटे आतंकी
कठुआ के जिस इलाके में आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है, वो दो दशक पहले तक पाकिस्तानी आतंकियों का कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए पसंदीदा रूट रहा था. 90 के दशक में यह इलाका आतंकियों का बड़ा गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले दो दशक में यहां आतंकी वारदातें पूरी तरह थम गई थीं और पाकिस्तानी आतंकियों का पूरा फोकस कश्मीर घाटी पर हो गया था. अब दो दशक बाद आतंकियों का दोबारा इस पुराने रूट का इस्तेमाल करते हुए हमले को अंजाम देना चिंता की बात मानी जा रही है.
3. इस हमले में भी अमेरिकी असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि कठुआ अटैक में पाकिस्तानी आतंकियों ने एक बार फिर अमेरिकी असॉल्ट राइफल M4 का इस्तेमाल किया है, जो अमेरिकी कमांडोज के पास रहती है. यह बेहद घातक राइफल है. कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से आई आतंकी हमलों की बाढ़ में कई घटनाओं के दौरान इस राइफल का इस्तेमाल आतंकियों ने किया है. पिछले साल दिसंबर में पुंछ में हुए बड़े आतंकी हमले में भी यह राइफल इस्तेमाल की गई थी, जबकि पिछले महीने 9 जून को रियासी में वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग में भी INSAS के साथ M4 राइफल के इस्तेमाल की पु्ष्टि हुई थी. इस राइफल में चीन में बनी स्टील बुलेट्स भी चल सकती हैं, जो बुलेटप्रूफ को भी छेदकर पार हो जाती हैं. 1980 के दशक में अमेरिकी सेना के लिए डेवलप की गई यह राइफल बेहद हल्की और बहुत मारक होती है. इसका निशाना सटीक व भरोसेमंद माना जाता है. हल्की होने के चलते इसे उठाकर मीलों की दूरी तय करना भी आसान होता है.
4. एक महीने में एक दर्जन आतंकी हमले, क्या विधानसभा चुनाव हैं निशाने पर?
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवाद पर शिकंजा कसा था, लेकिन पिछले एक महीने में अचानक आतंकी हमलों में बहुत तेजी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृ्त्व में दिल्ली में तीसरी बार NDA सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान 9 जून को रियासी में आतंकी हमले से इसकी शुरुआत हुई थी. इसके बाद डोडा, कुलगाम, अनंतनाग, पुंछ और अब कठुआ में करीब 1 दर्जन आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन जवान शहीद हो चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी हमलों में बढ़ोतरी का कनेक्शन जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से हो सकता है. कश्मीर घाटी में इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान रिकॉर्ड मतदान हुआ था, जिसे लोगों की लोकतंत्र में बढ़ती दिलचस्पी से जोड़ा जा रहा है. माना जा रहा है कि आतंकियों के पाकिस्तानी आका जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को डांवाडोल करना चाहते हैं, जिसके चलते ये आतंकी हमले बढ़े हैं.
5. 'आतंकी हमलों का हल कठोर कार्रवाई से होगा, खोखले भाषणों से नहीं'
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस आतंकी हमले पर शोक जताया है, लेकिन साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की सरकार पर भी निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट में कहा,'जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले का समाचार अत्यंत दुखद है. मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को अपनी गहन संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. घायल जवानों के शीघ्र से शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. हमारी सेना पर ये कायरतापूर्ण हमले अत्यधिक निंदनीय हैं. एक महीने के अंदर पांचवा आतंकी हमला देश की सुरक्षा और हमारे जवानों के जीवन पर भयंकर आघात है. लगातार हो रहे आतंकी हमलों का हल कठोर कार्रवाई से होगा, न कि खोखले भाषणों और झूठे वादों से. इस दुख की घड़ी में हम मजबूती से देश के साथ खड़े हैं.'
"जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले का समाचार अत्यंत दुखद है। मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को अपनी गहन संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायल जवानों के शीघ्र से शीघ्र स्वस्थ… pic.twitter.com/ubx8U63lBM
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2024
(With ANI Inputs)
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