डीएनए हिंदी: कश्मीर (Kashmir) घाटी में एक बार फिर हालात सामान्य हो रहे हैं. सुरक्षाबलों के लगातार चल रहे एंटी टेरर ऑपरेशन घाटी में आतंकवादियों के मंसूबे नाकाम कर रहे हैं. सरकार की नई कश्मीर नीति से लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और देश के विकास में अहम हिस्सेदारी निभा रहे हैं. सुरक्षित कश्मीर देखकर कश्मीरी पंडित भी अब अपने घरों की ओर लौटना चाहते हैं.
1947 में जब देश को आजादी मिली थी, उस समय कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की कुल आबादी लगभग 15 प्रतिशत थी. दंगों और अत्याचारों की वजह से साल 1981 तक ये आबादी घट कर 5 प्रतिशत रह गई. 2015 में सरकार ने बताया था कि कश्मीर में अब 808 परिवारों के 3 हजार 445 कश्मीरी पंडित ही बचे हैं. 32 साल बाद कश्मीरी पंडितों ने फिर से अपने घरों में लौटने की हिम्मत दिखाई है.
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1990 के दशक में कितने कश्मीरी पंडितों ने किया था पलायन?
साल 1990 के दशक में जब कट्टरपंथी और आतंकवादी कश्मीरी पंडितों की हत्या कर रहे थे, तब 1 लाख 54 हजार कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया था. हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि वास्तविकता में ये संख्या लगभग पांच लाख थी. इसके अलावा उस समय कश्मीरी पंडितों के 32 हजार घर जला दिए गए थे, जिनमें से अधिकतर पर बाद में कब्जा कर लिया गया और कुछ आज भी खंडहर पड़े हैं. लेकिन अब केन्द्र सरकार की कोशिशों के बाद, कश्मीरी पंडितों ने अपनी जड़ों की ओर लौटना शुरू कर दिया है और अब वो अपने पुराने घरों की मरम्मत करा रहे हैं.
अनंतनाग में भी घर लौट रहे हैं कश्मीरी पंडित
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के मटन गांव की तस्वीरें बता रही हैं कि घाटी में माहौल बदल रहा है. यहां की फिजाओं में फिर से अमन की खुशबू बिखर रही है और भरोसे की बुनियाद एक बार फिर मजबूत हो रही है. सुधरते हालात के बीच कश्मीरी पंडित घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं, अपनी जड़ों की तरफ लौटने के लिए घाटी में फिर से आशियाना बना रहे हैं.
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नए घर बनवाए जा रहे हैं और कई जगहों पर पुराने मकानों की मरम्मत करवाई जा रही है. 1996 से मटन गांव में रह रहे कश्मीरी पंडित अशोक कुमार सिद्धा का कहना है कि घाटी के हालात अब हालात सुधर रहे हैं. पंडित अशोक सिद्धा प्रसिद्ध मार्तंड मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. इन्होंने वो दौर भी देखा है जब घाटी में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ था और अब वो अपने आसपास बदल रहे माहौल को भी चश्मदीद हैं. पंडित अशोक सिद्धा ने घाटी छोड़ चुके कश्मीरी पंडितों से वापस अपने घरों की तरफ लौटने की अपील की.
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घाटी में फिर लौटने लगी रौनक
मटन गांव में अब कश्मीरी पंडितों के घर रौशन होने लगे हैं. लगभग 15 कश्मीरी पंडित परिवार अपने घरों में वापस आ गए हैं. कई सालों से खाली पड़े इन घरों की हालत बेहद खराब हो गई थी, लेकिन कश्मीरी पंडितों को उम्मीद है कि उनके घरों में फिर से खुशियां लौटेंगी, फिर से आंगन चहकेगा.
घाटी के बेहतर होते माहौल से कश्मीरी पंडित बहुत खुश हैं और भरोसा जता रहे हैं कि अगर हालात और सुधरे तो जल्द ही कश्मीर पंडित पूरे राज्य में फिर से बसने लगेंगे. अपनी जड़ों की ओर वापस लौट रहे कश्मीरी पंडित उत्साहित हैं लेकिन सरकार से उनको बहुत उम्मीदें भी है. कश्मीरी पंडित चाहते हैं कि सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाए और उनके घर फिर से बनवाने में मदद करे.
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दिखने लगी Kashmir घाटी में रौनक, 32 साल बाद घर लौट रहे कश्मीरी पंडित!