डीएनए हिंदी: आज के वक्त हमने कई ऐसे बच्चों को देखा है जो कि अपने मां बाप को एक उम्र के बाद घर से बाहर निकाल देते हैं. इसके चलते उन्हें वृद्धाश्रम में जाकर रहना पड़ता है लेकिन एक बेटे ने यह भी दिखा दिया है आज भी मां-बाप के प्रति श्रद्धा रखने वालों की आज भी कोई कमी नहीं है. बिहार के इस कलियुगी श्रवण ने अपनी मां को कांवड़ यात्रा कराकर बाबा बैद्यनाथ के दर्शन कराए और जल अर्पण किया लेकिन खास बात यह है कि इसके लिए उसने अपनी मां को पैदल नहीं चलने दिया. खागड़िया के रंजीत साह ने अपनी मां को कांवड़ की हो डोली बनाकर उसमें बिठाया और बैद्यनाथ तक पैदल चलकर ले गया. 

दरअसल, खागड़िया के केबला गांव में रहने वाले रंजीत साह तीन जुलाई को सुल्तानगंज में गंगा स्नान करने के बाद देवघर की यात्रा पर निकले थे.  इस दौरान उनकी मां भी उनके साथ ही. रंजीत की मां लंबी दूरी चलने में सक्षम नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपनी मां को कांवड़ की ही एक डोली बनाकर बिठाया और कंधे पर उठाकर देवघर तक की यात्रा पूरी की. 3 जुलाई से चले रंजीत ने 6 जुलाई को देवघर में अपनी कांवड़ यात्रा पूरी कर भगवा बैद्यनाथ के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा अर्चना की.

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बेटे ने मां की सेहत के लिए मानी थी मन्नत 

अपनी इस कांवड़ यात्रा को लेकर रंजीत कुमार का कहना है कि उनकी मां द्रौपदी देवी काफी बीमार थीं और उनकी जान बच पाने की उम्मीदें न के बराबर थी. इस दौरान उन्होंने बाबा भोले से मनोकामना मांगी कि अगर उनकी मां स्वस्थ हो जाएंगी तो वह मां को लेकर आएंगे और जल चढ़ाएंगे. रंजीत का कहना है कि भगवान शिव की कृपा से उनकी मां स्वस्थ हो गईं जिसके चलते वे कांवड़ यात्रा के बाद बैद्यनाथ धाम जल चढ़ाने पहुंचे थे. 

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प्रशासन ने किया सहयोग

रंजीत साह ने अपने प्रेम को लेकर कहा कि वह अपनी मां से बहुत प्रेम करते हैं, जब तक मां जीवित है, वह उनकी सेवा करते रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लोगों ने और प्रशासन ने कांवड़िया पथ पर काफी सेवा की. बता दें कि रंजीत की इस कांवड़ यात्रा में उनके परिवार के लोग भी उनके साथ मौजूद थे. 

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बेटे का प्यार देख भावुक हुईं मां

वहीं बेटे द्वारा कांवड़ पर बिठाए जाने पर रंजीत की मां द्रौपदी देवी ने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. इस खुशी में उनकी आंखों से आंसू आ गए. उन्होंने भावुक होकर कहा कि हमें इस युग मे ऐसी संतान मिली है. रंजीत की मां ने कहा कि जो हमने किताबों में पढ़ा आज वह मेरे साथ मेरे बेटों ने किया.

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kanwar yatra kanwariya son went baidyanath with his mother sit on carriage bihar khagaria to deoghar
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Kaawar Yatra: बेटे ने ऐसे कराए मां को बाबा बैद्यनाथ के दर्शन, लोग बोले 'धन्य हो
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बेटे ने ऐसे कराए मां को बाबा बैद्यनाथ के दर्शन, लोग बोले 'धन्य हो श्रवण कुमार'