Jammu and Kashmir Earthquake Updates: जम्मू-कश्मीर की धरती शुक्रवार दोपहर को अचानक भूकंप के झटकों से दहल गई. भूकंप बारामुला जिले में आया है, जिसे रिक्टर स्केल पर 4.1 मैग्नीट्यूड का आंका गया है. देश में भूगर्भ की हलचलों पर नजर रखने वाले नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में दोपहर 12.26 बजे भूकंप आया है. यह भूकंप बारामुलू से उत्तर-पूर्व में आया है, जिसका केंद्र जमीन से महज 10 किलोमीटर गहराई पर था. हालांकि बहुत ज्यादा तीव्रता नहीं होने के कारण भूकंप से जान-माल के नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन झटकों के कारण घर हिलने के चलते स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर घूमते दिख रहे हैं.
EQ of M: 4.1, On: 12/07/2024 12:26:24 IST, Lat: 34.32 N, Long: 74.34 E, Depth: 10 Km, Location: Baramulla, Jammu and Kashmir.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) July 12, 2024
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लद्दाख में भी आया था रात में भूकंप
जम्मू-कश्मीर के पुराने हिस्से और अब अलग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में भी गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. लद्दाख की राजधानी लेह में रात 2.02 बजे रिक्टर स्केल पर 3.6 तीव्रता वाला भूकंप आया था. हालांकि उससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है.
भूकंप के सबसे खतरनाक जोन-5 में आता है कश्मीर
जम्मू-कश्मीर भूकंप के लिहाज से देश के सबसे खतरनाक जोन-5 में रखे गए इलाकों में से एक है. इसके चलते वहां हमेशा भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना बनी हुई है. जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट के मुताबिक, कश्मीर घाटी का अधिकतर हिस्सा और जम्मू क्षेत्र के डोडा, रामबन व किश्तवाड़ इलाके सेस्मिक जोन-5 में आते हैं. बता दें कि इस पूरे इलाके में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 50% से ज्यादा आबादी रहती है, जबकि राज्य का बाकी बचा हिस्सा भी सेस्मिक जोन-4 में आता है यानी वहां भी खतरा कम नहीं है. बता दें कि देश में भूकंप के खतरे के आधार पर सभी इलाकों को 1 से 5 तक के सेस्मिक जोन में बांटा गया है, जिनमें 1 नंबर के जोन में वे इलाके हैं, जहां भूकंप का खतरा ना के बराबर है, जबकि 5 नंबर इलाकों में भूकंप आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
धरती के अंदर की हलचल के कारण आते हैं भूकंप
दुनिया में कहीं भी भूकंप आने का कारण धरती के अंदर होने वाली हलचल है. दरअसल पूरी धरती 7 प्लेट्स पर बनी हुई है. धरती के गर्भी में सैकड़ों किलोमीटर नीचे मौजूद ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं और आपस में टकराती भी रहती हैं. प्लेट्स के टकराने वाले इलाके फॉल्ट लाइन कहलाते हैं, जहां टक्कर से कोने मुड़ने के कारण प्लेट्स पर और ज्यादा दबाव बन जाता है और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोलने लगती है. जब ऊर्जा निकलती है तो जो डिस्टर्बेंस पैदा होता है, वही भूकंप कहलाता है.
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Jammu and Kashmir में भूकंप के झटके, 4.1 तीव्रता से हिल गई Baramulla की धरती