Baramula Earthquake: भारी बर्फबारी के कारण सफेद चादर में लिपटे जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटकों ने सभी को दहला दिया है. आसमान से बर्फबारी होने के दौरान कश्मीर घाटी इलाके के बारामुला में धरती के अंदर भूकंप के कारण सबकुछ दहल गया. हालांकि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं होने के चलते खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन चिल्ला-ए-कलां के असर के कारण चल रही शीतलहरी और बर्फ के कारण अपने घरों में कैद होने को मजबूर लोग धरती के हिलने से खौफ में आ गए हैं. भूकंप का केंद्र बारामुला की पहाड़ियों में था, लेकिन इसका असर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामबाद तक महसूस किया गया है.
धरती से 10 किलोमीटर गहराई पर रहा केंद्र
जम्मू-कश्मीर के बारामुला में भूकंप के झटके शुक्रवार रात 9.06 बजे महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई. भूकंप का केंद्र बारामुला में जमीन की सतह से करीब 10 किलोमीटर गहराई पर था, जो गुलमर्ग से 24 किलोमीटर, श्रीनगर से 38 किलोमीटर, पहलगाम से 85 किलोमीटर और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 143 किलोमीटर दूरी पर था. इस भूकंप के कारण किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है.
EQ of M: 4.0, On: 27/12/2024 21:06:59 IST, Lat: 34.26 N, Long: 74.44 E, Depth: 10 Km, Location: Baramulla, Jammu & Kashmir.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) December 27, 2024
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अगस्त में भी बारामुला में ही आए थे 7 मिनट में दो भूकंप
बारामुला में अगस्त में भी भूकंप के दो जबरदस्त झटके आए थे. 20 अगस्त की सुबह 6.45 बजे ये दोनों भूकंप के झटके महज 7 मिनट के अंदर महसूस किए गए थे. पहला भूकंप 4.9 मैग्नीट्यूड और दूसरा भूकंप 4.8 मैग्नीट्यूड का दर्ज किया गया था. इनका एपिसेंटर जमीनी सतह से 5 से 10 किलोमीटर की गहराई पर आंका गया था. इससे पहले 12 जुलाई को भी बारामुला में 4.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. इस जिले में भूकंप के लगातार झटकों को धरती के गर्भ में टेक्टोनिक प्लेट्स में हो रहे घर्षण को कारण माना जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में हो रही जोरदार बर्फबारी
जम्मू-कश्मीर में इस समय जबरदस्त बर्फबारी हो रही है. घाटी का इलाका पिछले कुछ साल में इस बार सबसे ज्यादा ठंडा रहा है. सभी तरह बर्फ की सफेद चादर बिछी दिख रही है. NH-44 कई बार बर्फ के कारण बंद हो चुका है. राज्य में 21 दिसंबर को 40 दिन का चिल्ला-ए-कलां शुरू हुआ था, जिसमें जबरदस्त शीतलहर रहती है. ठंड का आलम ऐसा है कि श्रीनगर में डल झील जम गई है. साथ ही पानी की पाइप लाइनों में भी बर्फ जम गई है.
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जम्मू-कश्मीर में लोग स्नोफॉल का ले रहे थे मजा, भूकंप के झटकों ने हिला दिए पहाड़