डीएनए हिंदी: यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हो गया है. इस साल टॉपर्स की लिस्ट में लड़कियों का बोलबाला रहा. उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली श्रुति शर्मा (IAS Topper Shruti Sharma) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है. श्रुति शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) को दिया है.
उन्होंने कहा, 'अगर आरसीए नहीं होता तो मेरा प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाता. यहां तैयारी के साथ बेहतर मार्गदर्शन भी मिला. इसलिए मैं अपने प्रशासनिक अधिकारी बनने का श्रेय अभिभावकों के साथ-साथ आरसीए को भी दूंगी.' बता दें कि श्रुति के अलावा इस साल जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग से कुल 23 कैंडिडेट्स सफल हुए हैं.
गरीब बच्चों को मुक्त दी जाती है शिक्षा
देश की राजधानी दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) हर साल 150 गरीब तबके के होनहार बच्चों को आईएएस की मुफ्त तैयारी कराती है. जामिया यूनिवर्सिटी की यह कोचिंग सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवार को बेहतर पढ़ाई का वातावरण प्रदान करती है. यही वजह है कि बीते 10 सालों में आरसीए से 245 छात्र सिविल सर्विस में चुने गए हैं. साथ ही 376 अन्य छात्रों का पीसीएस, बैंक पीओ, आरबीआई जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों में भी चयन हुआ है.
साल 2018 में देश के तीसरे नंबर के यूपीएससी टॉपर जुनैद अहमद भी इसी कोचिंग की देन हैं. यहां हर साल टेस्ट के जरिए 200 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है और इन्हीं को प्रशिक्षण दिया जाता है.
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क्या है प्रक्रिया?
जामिया आरसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चयनित उम्मीदवारों को तीन चरणों में तैयारी करवाई जाती है. किसी भी एक चरण में असफल होने पर उन्हें आरसीए से बाहर कर दिया जाता है. पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम) होता है. दूसरा चरण मुख्य परीक्षा (मैन) है, इसमें सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार (इंटरव्यू) की तैयारी करवाई जाती है. यहां जनरल स्टडी, विषय विशेषज्ञता आदि पर कोचिंग मिलती है.
आरसीए के यह चयनित 150 उम्मीदवारों का ग्रुप हॉस्टल मैस में अपना मैन्यू खुद तैयार करता है. यहां रहने वाले अधिकतर उम्मीदवार रात-दिन पढ़ाई करते हैं. इसलिए वे तला, मसालेदार खाना पसंद नहीं करते हैं. पौष्टिक, कम तेल और मसाले पर आधारित खाना खाया जाता है. इसके लिए प्रति उम्मीदवार 2,500 रुपये देने होते हैं.
अधिकारी ने आगे बताया, आरसीए को हर साल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से आर्थिक मदद मिलती है. जामिया हर साल यूपीएससी की मुफ्त कोचिंग के लिए देशभर से महिला, एससी, एसटी व अल्पसंख्यक समुदाय से 150 उम्मीदवारों का संयुक्त दाखिला प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर चयन करती है. ये चयन कठिन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है क्योंकि यूपीएससी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों वाली टीम बेहद कठिन प्रश्न पत्र तैयार करते हैं, ताकि होनहार छात्रों को सफलता मिल सके.
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उन्होंने बताया कि आरसीए में बेहद आम परिवारों के छात्र उम्मीदवार बनकर आते हैं. इन छात्रों के दिमाग में बपचन से ही प्रशासन, पुलिस से जुड़ा अधिकारी एक रोल मॉडल का रूप जेहन में होता है. वे भी वैसा ही अधिकारी बनने का सपना देखते हैं. यही कारण है कि इंजीनियरिंग या अन्य कोई डिग्री होने के बाद भी वे देशी-विदेशी कंपनियों के लाखो-करोड़ों का पैकेज छोड़कर प्रशासनिक सेवाओं में आने के लिए रात-दिन तैयारी करते हैं और सफल होते हैं.
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इस अकेडमी ने श्रुति शर्मा को बनाया UPSC टॉपर, हर साल 150 छात्र लेते हैं फ्री कोचिंग