डीएनए हिंदी: एक घरेलू विवाद के मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने पति और पत्नी के एक-दूसरे पर लगाए आरोपों की फेहरिस्त देखकर कहा कि ऐसा लगता है जोड़ियां स्वर्ग नहीं बल्कि नरक में बनती हैं. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी पति की अग्रिम जमानत याचिका भी मंजूर की है.
यह है पूरा मामला
महिला ने दिसंबर 2021 में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा, प्रताड़ना और दहेज का केस दर्ज कराया था. महिला का आरोप है कि शादी के वक्त परिवार के हर सदस्य के लिए सोने के सिक्के की मांग की गई थी. महिला का परिवार यह मांग पूरी नहीं कर सका और इसलिए उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा. महिला ने यह भी कहा कि पति को घर खरीदने में मदद के तौर पर उन्होंने 13,50,000 रुपये भी दिए थे.
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पति ने कहा, महंगा फोन गिफ्ट किया था
आरोपों के जवाब में पति की ओर से भी कई आरोप लगाए गए थे. पति ने कोर्ट को यह भी बताया कि घर खरीदने के लिए उसने लोन लिया है और शादी के बाद उसने पत्नी को महंगा सेल फोन गिफ्ट किया था. पति का यह भी कहना है कि शादी के बाद पत्नी को घुमाने के लिए मॉरिशस लेकर गया था.
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दोनों पक्षों के आरोपों के बाद कोर्ट ने की टिप्पणी
दोनों पक्षों के आरोपों और दलीलों को देखने के बाद जस्टिस सारंग कोतवाल ने कहा कि इतना स्पष्ट है कि ये दोनों साथ नहीं रह सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में आरोपी पति को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है. दोनों पक्षों के आरोपों की लिस्ट देखकर जस्टिस कोतवाल ने झुंझलाकर कहा, 'जोड़ियां स्वर्ग में नहीं बल्कि नरक में बनती हैं.' कोर्ट ने आरोपी पति की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है.
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