डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक दिव्यांगों के लिए एक ऐसा कृत्रिम स्मार्ट पैर विकसित किया है, जिसकी मदद से दिव्यांग लोग आराम से चलने के साथ-साथ दौड़ भी सकेंगे. इसरो जल्द ही इसे बाजार में पेश करेगा. यह स्मार्ट पैर दस गुना सस्ता होने की भी उम्मीद है. इससे घुटने के ऊपर दिव्यांग लोगों को चलने में सुविधा होगी.
ISRO ने बताया कि इस ‘माइक्रो प्रोसेसर नियंत्रित घुटनों’ (एमपीके) की मदद से दिव्यांगजनों को माइक्रो प्रोसेसर रहित कृत्रिम पैर की अपेक्षा अधिक सुविधा होगी. इसरो ने कहा , “अभी तक 1.6 किलोग्राम के एक एमपीके की सहायता से एक दिव्यांग व्यक्ति को लगभग बिना किसी सहारे के 100 मीटर तक चलने में मदद मिली है. इस उपकरण को और एडवांस बनाने का प्रयास किया जा रहा है.”
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यह स्मार्ट एमपीके इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा विकसित किए जा रहे हैं. इसे राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान पंडित दीनदयाल उपाध्याय दिव्यांगजन संस्थान और भारतीय कृत्रिम अंग उत्पादन निगम (एलिमको) के साथ हुए समझौता ज्ञापन के तहत बनाया गया है.
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स्मार्ट पैर में लगे होंगे ये फीचर
इसरो का कहना है यह स्मार्ट पैर विकलांग व्यक्ति को लगभग 100 मीटर चलने में सक्षम बनाता है. इसमें एक माइक्रोप्रोसेसर हाइड्रोलिक डैपर, लोड और घुटने के कोण सेंसर, समग्र घुटने, ली-आयन बैटरी, विद्युत दोहन और इंटरफेस लगा है. जो माइंड को कमांड देगा.
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अब दौड़ सकेंगे दिव्यांग! ISRO ने तैयार किया आर्टिफिशियल पैर, जानिए क्या है इसकी खासियत