डीएनए हिंदी: 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के रूप में मनाया जाता है. यानी आज का दिन महिलाओं की उपलब्धियों और मानव अस्तित्व में उनके योगदान को समर्पित है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, उनके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं रहा. इस बीच एक और अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब देश में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा देखी गई है.
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के अनुसार, देश में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हो गई हैं. इन आंकड़ों में गांव और शहर में पुरुषों और महिलाओं के अनुपात की तुलना की गई. इस दौरान सामने आया कि यह अनुपात शहरों की तुलना में गांवों में ज्यादा बेहतर हुआ है.
सर्वे के मुताबिक, गांवों में जहां हर 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं, वहीं शहरों में 985 महिलाएं हैं. इससे पहले NFHS-4 (2019-2020) के आंकड़ों में गांवों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,009 महिलाएं थीं तो शहरों में यह आंकड़ा 956 का था.
पढ़ाई और काम में भी आगे हैं महिलाएं
इसके अलावा पढ़ाई और काम के मामले में भी महिलाओं की तरक्की देखने को मिल रही है. विज्ञान और गणित के ग्रेजुएट्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 43% है जो अमेरिका (34 फीसदी) और ब्रिटेन (38 फीसदी) से काफी ज्यादा है.
वहीं काम की बात करें तो देश में रजिस्टर्ड 50 हजार स्टार्टअप्स में 45 फीसदी महिला उद्यमी हैं. बोस्टन कंसल्टिंग के अनुसार, महिलाओं के स्टार्टअप 5 साल की अवधि में पुरुषों से 10 फीसदी अधिक राजस्व बनाते हैं और 3 गुना अधिक महिलाओं को रोजगार देते हैं.
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International Women's Day: पहली बार पुरुषों से ज्यादा हुई महिलाओं की संख्या, पढ़ाई और काम के मामले में निकलीं आगे