डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी के मौके पर बालेश्वर महादेव मंदिर (Baleshawar Mahadev Mandir Tragedy) में एक भयानक हादसा हो गया. यहां हवन के दौरान पुरानी बावड़ी की छत धंसने से उसमें कई लोग गिर गए. इनमें से अब तक 35 लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है. प्रशासन अभी बचाव कार्य में जुटा हुआ है. इस दौरान इंसानियत की मिसाल भी सामने आई, जहां माजिद फारुकी नाम के सिविल डिफेंस वर्कर पुलिस से पहले जिंदगियां बचाने पहुंच गए. रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने वाले माजिद ने मंदिर हादसे में कई लोगों की जान बचाई है.
हादसे के तुरंत बाद अनेक लोगों ने जिंदगियों को बचाने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया. इनमें से एक माजिद भी हैं जो कि पीड़ितों के लिए संकटमोचक बन गए. रमजान में रोजा रखे माजिद ने लोगों की मदद करना ज्यादा जरूरी समझा और लोगों की जान बचाने के लिए धर्म से ऊपर इंसानियत को रखा. माजिद ने इस हादसे में अनेक लोगों की जान बचाई है. उन्होंने बताया है कि वह घटनास्थल पर पुलिस के आने से पहले ही पहुंच गए थे.
बचाई दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जिंदगी
माजिद ने बताया कि वह सबसे पहले पहुंच गए थे. उन्होंने खुद तो लोगों की जान बचाई ही, साथ ही अन्य लोगों को भी बचाव कार्य करने के लिए इकट्ठा किया. माजिद और उनके साथियों ने मिलकर कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला. उनका कहना है कि वह अब तक करीब 12 से ज्यादा लोगों को मलबे से बाहर निकाल चुके हैं.
माजिद ने नहीं तोड़ा अपना रोजा
बता दें कि माजिद रोजे पर थे और इतनी मेहनत मशक्कत के बावजूद उन्होंने अपना रोजा नहीं तोड़ा. माजिद ने अपने साथियों के साथ शाम को इफ्तारी के दौरान वक्त पर अपना रोजा खोला था. माजिद ने इंसानियत की मिसाल भी पेश की और अपने मजहब के कायदों को भी निभाया.
पूरा होने वाला सर्च ऑपरेशन
गौरतलब है कि बालेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे को लेकर प्रशासन भी सतर्क है. बचाव के काम के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी काम कर रही हैं. इस मामले में इंदौर के जिलाधिकारी डॉ इलैयाराजा टी ने बताया है कि थलसेना, NDRF और SDRF की मदद से चलाया जा रहा हमारा सर्च अभियान पूरा होने वाला है और अब तक 35 शवों को बावड़ी से निकाला गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
इंदौर मंदिर हादसे में संकटमोचक बने माजिद, सबसे पहले पहुंचे और बचाई कई लोगों की जान