डीएनए हिंदी: पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) की भारत विरोधी गतिविधियों के बीच एक बार फिर भारतीय विदेश मंत्रालय (External Affair Ministry) ने दोनों ही देशों को कूटनीतिक स्तर आईना दिखाया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच बन रहे आर्थिक गलियारे CPEC (China Pakistan Economic Corridor) का विरोध किया है और कहा है कि यह भारत के अभिन्न हिस्से से होकर जाता है. पाकिस्तान और चीन के हालिया साझा बयान में एक बार कश्मीर का जिक्र हुआ था, इसे भारत ने सिरे से नकार दिया है.
चीन-पाकिस्तान को दिया जवाब
दरअसल, चीन और पाकिस्तान पर एक साथ कूटनीतिक हमला बोलते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi ने कहा है कि 6 फरवरी 2022 को चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर और तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का उल्लेख किया है. हमने हमेशा ऐसे संदर्भों को खारिज किया है और हमारी स्थिति चीन और पाकिस्तान को अच्छी तरह से पता है. यहां भी हम संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं." उन्होंने 6 फरवरी की दोनों देशों के संयुक्त बयानों को तवज्जो न देने की बात कही है.
भारत के आंतरिक मामलों में ना दें दखल
अरिंदम बागची ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अभिन्न हिस्से हैं और इस मुद्दे पर भारत सरकार दोनों देशों के बयानों का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि ये दोनों ही भारत के आंतरिक मसले हैं. उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष उन मामलों में दखल नहीं देंगे, जो भारत के आंतरिक मसले हैं. सीपीईसी की बात करें तो हम उन परियोजनाओं को लेकर लगातार चीन और पाकिस्तान को अपनी चिंताओं से अवगत कराते रहे हैं. जो भारत के क्षेत्र में हैं और जिन पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है."
चीन-पाक ने दिया था आपत्तिजनक बयान
पाक अधिकृत कश्मीर की स्थिति में बदलाव को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध करते हैं. हम संबंधित पक्षों से इस तरह की गतिविधियों को रोकने का आह्वान करते हैं."
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आपको बता दें कि चीन और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए चीन और पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था और शांति से मामले को हल करने की बात कही थी. इसी मुद्दे पर भारत ने स्पष्ट कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है जिस पर दोनों देशों को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
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