India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल जंग टल गई है. दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया है. हालांकि भारत के सीजफायर पर सहमत होने को लेकर लोगों की मिली-जुली राय सामने आ रही है, जिनमें से अधिकतर का मानना है कि अभी संघर्ष में भारत का पलड़ा भारी था और उसे अमेरिकी दबाव में पीछे नहीं हटना चाहिए थे. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से जुड़ा वह किस्सा भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 1971 की लड़ाई में अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन के कहने के बावजूद उनके पीछे हटने से इंकार करने का जिक्र है. इसे लेकर कांग्रेस ने भी दिल्ली में अपने मुख्यालय समेत कई जगह पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लिखा है कि इंदिरा गांधी होना आसान नहीं है. इन पोस्टरों को अपरोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर तंज जैसा माना जा रहा है. हालांकि कांग्रेस के इस तंज के बीच एक बार फिर उसके सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ही उसके सामने खड़े हो गए हैं. थरूर ने 1971 और 2025 के हालात को अलग-अलग बताते हुए दोनों की तुलना करने वालों को ट्रोल किया है.
'फैक्ट ये है कि शांति हमारे लिए जरूरी है'
शशि थरूर से न्यूज एजेंसी ANI ने कांग्रेस के सोशल मीडिया कैंपेन को लेकर सवाल किया था. थरूर ने सीधे तौर पर इस कैंपेन पर कमेंट नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा,'फैक्ट ये है कि मेरे हिसा से हम उस स्टेज पर पहुंच चुके थे, जहां पर स्थिति अनावश्यक रूप से नियंत्रण से बाहर हो रही थी. शांति हमारे लिए जरूरी है. सच ये है कि 1971 और 2025 के हालात एक जैसे नहीं हैं. इनमें अंतर है.' उन्होंने कहा,'भारत के लोग शांति के हकदार हैं. हमने बहुत सहा है. पुंछ के लोगों से पूछिए, कितनों की मौत हुई है. मैं नहीं कह रहा कि हमें लड़ाइयां रोकनी चाहिए. जब इसे जारी रखने का कोई कारण हो तो हमें इसे जारी रखना चाहिए, लेकिन यह ऐसी लड़ाई नहीं थी कि हम इसे जारी रखते. हम बस आतंकियों को सबक सिखाना चाहते थे. यह सबक सिखा दिया गया है.'
'सरकार को जारी रखनी होगी पहलगाम के आतंकियों की तलाश'
शशि थरूर ने मोदी सरकार को भी चेताया कि पहलगाम हमले के आतंकियों की तलाश में लापरवाही नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा,'मैं निश्चित हूं कि सरकार पहलगाम हमले में 26 निर्दोष जान लेने वाले आतंकियों को ट्रैक डाउन करने की कोशिश जारी रखेगी. यह जरूरी है. यह रातोंरात नहीं हो सकता, इसमें महीनों, सालों लग सकते हैं, लेकिन हमें यह करना होगा. किसी को भी निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पूरे देश को लंबे समय तक युद्ध में झोंकने के जोखिम में डाल दें.'
#WATCH | Delhi | On the understanding reached between Indian and Pakistan, Congress MP Shashi Tharoor says, "We had reached a stage where the escalation was needlessly getting out of control. Peace is necessary for us. The truth is that the circumstances of 1971 are not the… pic.twitter.com/dowttNX1wj
— ANI (@ANI) May 11, 2025
इंदिरा गांधी की भी कर दी साथ ही प्रशंसा
शशि थरूर ने भले ही अपनी पार्टी कांग्रेस के कैंपेन से अलग बयान दिया है, लेकिन उन्होंने साथ ही इंदिरा गांधी की तारीफ की. उन्होंने कहा,'1971 की जीत ऐसा अचीवमेंट था, जिसे पर हर भारतीय को गर्व है. इंदिरा गांधी ने उपमहाद्वीप का नक्शा नए सिरे से लिख दिया था. आज का पाकिस्तान एक अलग हालात है. उनके उपकरण, मिलिट्री उपकरण जो नुकसान पहुंचा सकते हैं, सबकुछ अलग है. बांग्लादेश मु्क्ति संग्राम में भारत लोगों को आजादी दिलाने के नैतिक कारण के लिए लड़ रहा था. यह एक अलग कहानी है. हम एक बहुत लंबे संघर्ष में फंस जाते, जिसमें दोनों पक्षों को बहुत अधिक जान-माल का नुकसान होता. क्या आज भारत के लिए यही सबसे बड़ी प्राथमिकता है? नहीं, ऐसा नहीं है. हम उन लोगों को सिखाना चाहते थे, जिन्होंने इन आतंकवादियों को सीमा पार भेजा था. उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी.'
कांग्रेस ने चलाया है ये कैंपेन
थरूर का यह बयान कांग्रेस के उस कैंपेन के बाद आया है, जो पार्टी ने सीजफायर की घोषणा के बाद शुरू किया है. कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स हैंडल से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर शेयर की गई. इस पोस्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर तंज जैसा देखा गया. कांग्रेस के कम्युनिकेशन हैड जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से सीजफायर समझौते पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के 'न्यूट्रल साइट' शब्द इस्तेमाल करने पर भी सवाल उठा और पूछा कि क्या सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के दरवाजे खोल दिए हैं? उन्होंने कहा,'आखिरकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि 1971 में इंदिरा गांधी के असाधारण साहसी और दृढ़ नेतृत्व के लिए उन्हें याद करना देश के लिए स्वाभाविक है.'
साहस और संकल्प का दूसरा नाम: श्रीमती इंदिरा गांधी pic.twitter.com/65yKADPDG4
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
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'Indira Gandhi होना आसान नहीं' Congress कैंपेन को Shashi Tharoor ने ही किया ट्रोल