डीएनए हिंदी: भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) की इजाफा हुआ है. भारतीय वायुसेना ने अपनी अभियानगत तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को पूर्वी समुद्र तट पर सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. वायुसेना ने कहा कि मिसाइल का परीक्षण नौसेना के साथ क्लोज कोऑर्डिनेशन में किया गया. अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल ने सटीकता के साथ लक्ष्य पर निशाना साधा.
एयरफोर्स ने दी जानकारी
वहीं इस सफलता को लेकर वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, "आज पूर्वी समुद्री तट पर वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया. मिसाइल ने लक्ष्य के तहत भारतीय नौसेना के सेवामुक्त हो चुके जहाज पर सीधा प्रहार किया. भारतीय नौसेना के साथ क्लोज कोऑर्डिनेशन में यह परीक्षण हुआ."
Today on the Eastern seaboard, #IAF undertook live firing of #BrahMos missile from a Su30 MkI aircraft.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 19, 2022
The missile achieved a direct hit on the target, a decommissioned #IndianNavy ship.
The mission was undertaken in close coordination with @indiannavy. pic.twitter.com/UpCZ3vJkZb
आपको बता दें कि सरकार ने 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम वेरिएंट को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था. भारतीय नौसेना ने पांच मार्च को हिंद महासागर में एक स्टील्थ विध्वंसक पोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
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क्या है ब्रम्होस की खासियत
मिसाइल का परीक्षण स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से किया गया था. ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक इंडो-रसियन ज्वाइंट वेंचर है जो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का प्रोडक्शन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है. मिसाइल के एडवांस्ड वर्जन की सीमा को पहले की तुलना में 290 किमी से लगभग 350 किमी तक बढ़ा दिया गया है.
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