डीएनए हिंदी: भारतीय समाज में तलाक एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके लिए विवाहित जोड़ों को हर हाल में अदलात में एक याचिका दायर करनी होती है. कोर्ट पति और पत्नी दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही शादी खत्म करने की इजाजत देता है. देश में तलाक की प्रक्रिया बहुत आसान नहीं है. कोर्ट कुछ मामलों में दोनों पक्षों को शादी बचाने के लिए समय देता है. कोर्ट चाहता है कि वैवाहिक जोड़ा अपनी शादी को एक और अवसर दे. अगर ऐसी स्थिति नहीं रह जाती है और साथ रहना असंभव हो जाता है तब कोर्ट जल्द विवाह विच्छेद पर मुहर लगाता है.

भारत में इन आधार पर मिलता है तलाक
1.
भारत में तलाक लेने का सबसे आम तरीका आपसी सहमति है. इसका मतलब यह है कि दोनों पक्ष विवाह समाप्त करने के लिए सहमत हैं और तलाक की पूरी प्रक्रिया में सहयोग करने को तैयार हैं. ऐसे मामलों में, दंपति पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए संयुक्त याचिका दायर कर सकते हैं. उन्हें इस बात का सबूत देना होगा कि वे एक निश्चित अवधि से अलग रह रहे हैं और उनकी शादी अपरिवर्तनीय रूप से टूट गई है.

2. भारत में तलाक लेने का दूसरा तरीका विवादित तलाक है. ऐसा तब होता है जब एक पक्ष विवाह समाप्त करने को तैयार नहीं होता है या तलाक की शर्तों से सहमत नहीं होता है. ऐसे मामलों में, तलाक चाहने वाले पक्ष को तलाक का आधार बताते हुए पारिवारिक अदालत में एक याचिका दायर करनी होगी. इसके बाद अदालत सुनवाई करेगी और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेगी.

3. भारत में तलाक के लिए कई आधार हैं, जिनमें व्यभिचार, क्रूरता, परित्याग, दूसरे धर्म में परिवर्तन, मानसिक बीमारी और असाध्य रोग शामिल हैं. जो पक्ष तलाक चाहता है उसे कोर्ट में साबित करना होगा कि ऐसी हरकतें, दूसरे पक्ष की ओर से की जा रही हैं. 

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भारत में हर धर्म के लिए तलाक के हैं अलग-अलग नियम
शादी और विवाह, व्यक्ति के व्यक्तिगत धार्मिक कानूनों के आधार पर होता है. हिंदू के लिए अलग कानून है, इसाई और मुस्लिम के लिए अलग कानन है. ऐसी स्थिति में तलाक की जटिल प्रक्रियाओं को समझने के लिए 'फैमिली लॉ'में विशेषज्ञता रखने वाले वकील से परामर्श करने की सलाह दी जाती है.

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बेहद चुनौतीपूर्ण है देश में तलाक की प्रक्रिया
भारत में तलाक लेना एक जटिल और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है. चाहे यह आपसी सहमति से हो या विवादित तलाक के माध्यम से, इस प्रक्रिया को धैर्य और समझ के साथ अपनाना महत्वपूर्ण है. कानूनी मदद लेने से तलाक की प्रक्रिया आसान हो जाती है, जिससे दोनों पक्षों का उत्पीड़न होने से बच जाता है.

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How to File Divorce in India Hindu Muslim Christian Personal Law Indian Family Court proceedings
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भारत में कैसे ले सकते हैं तलाक, क्या कहता है कानून
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भारत में तलाक अब भी जटिल प्रक्रिया है.
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भारत में तलाक अब भी जटिल कानूनी प्रक्रिया है.

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भारत में कैसे ले सकते हैं तलाक, क्या कहता है कानून
 

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