डीएनए हिंदी: Gyanvapi Shivling Row- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद में अहम फैसला हुआ है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसे पत्थर की मॉडर्न टेक्नोलॉजी से कार्बन डेटिंग कराने का फैसला लिया है. यह फैसला इस कथित शिवलिंग की आयु का पता लगाने के मकसद से लिया गया है. हाई कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को यह कार्बन डेटिंग शिवलिंग जैसी आकृति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना करने का आदेश दिया है. जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा की बेंच ने शुक्रवार को ASI से कहा कि कार्बन डेटिंग के लिए शिवलिंग के अपर पार्ट का सर्वे करते समय उसमें से 10 ग्राम से ज्यादा टुकड़ा नहीं लिया जाए ताकि उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे. बता दें कि इससे पहले वाराणसी के जिला जज ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराकर उसकी आयु तय करने की मांग खारिज कर दी थी, जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट के सामने पहुंचा था.
Allahabad HC orders determination of age of shivling-like structure in Varanasi's Gyanvapi mosque using modern technology
— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2023
'22 मई को होगा साइंटिफिक सर्वे'
हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि साइंटिफिक सर्वे 22 मई को होगा. उन्होंने ANI से कहा, हमारी साइंटिफिक जांच की मांग को जिला जज ने खारिज किया था, जिसे हमने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने सारे पक्षों को सुनने के बाद हमारी याचिका को सही माना है. हाई कोर्ट ने साइंटिफिक सर्वे के लिए 22 मई की तारीख तय की है.
क्या है शिवलिंग का मामला
वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय में विवाद चल रहा है. हिंदू पक्ष इसे असली विश्वनाथ मंदिर मानता है, जिसे तोड़कर उसके ढांचे पर मस्जिद बना दी गई थी. मुस्लिम पक्ष इसे गलत बताता है. इसी विवाद में चल रही अदालती प्रक्रिया में साल 2022 में मस्जिद का सर्वे कराया गया था. इस दौरान 16 मई, 2022 को मस्जिद के वजूखाने (नमाज पढ़ने से पहले हाथ-पांव धोने का स्थल) के तालाब में एक शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी, जिसे मुस्लिम पक्ष तालाब में पानी लाने के लिए बनाया गया फव्वारा बताता है. हालांकि इस आकृति का साइंटिफिक सर्वे नहीं हो पाने के कारण इसकी असलियत अब तक विवाद में ही है. ASI ने गुरुवार को इस सिलसिले में अपना जवाब एक सीलबंद लिफाफे में हाई कोर्ट में दाखिल किया था. इस रिपोर्ट के आधार पर ही हाई कोर्ट ने शुक्रवार को साइंटिफिक सर्वे कराने का फैसला लिया है.
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Gyanvapi Mosque Case: कथित शिवलिंग की होगी मॉडर्न कार्बन डेटिंग, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI को दिए आदेश