डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एएसआई ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वेक्षण बिना किसी खुदाई और संरचना को बिना कोई नुकसान पहुंचाए पूरा किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया गैर-आक्रामक पद्धति से संपन्न की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम हाई कोर्ट के निर्देश को दोहराते हैं कि कोई खुदाई नहीं होगी.'
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया. मस्जिद से जुड़ी समिति ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अतीत के घावों को कुरेदना 1991 के कानून का उल्लंघन है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों के चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है. एएसआई सर्वेक्षण का मकसद इतिहास में जाने का है कि 500 साल पहले क्या हुआ था, यह अतीत के घावों को फिर से हरा कर देगा.
ज्ञानवापी पर मस्जिद से जुड़ी समिति से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप एक ही आधार पर हर अंतरिम आदेश का विरोध नहीं कर सकते, आपकी आपत्ति पर सुनवाई के दौरान फैसला किया जाएगा. मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एएसआई सर्वे इतिहास को खंगालना है, यह उपासना स्थल अधिनियम का उल्लंघन है. यह भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता पर आघात करता है.
सुप्रीम कोर्ट ने ASI की दलीलों पर गौर करते हुए कहा कि सर्वेक्षण के दौरान न तो कोई खुदाई की जायेगी और और न ही संबंधित स्थान को नुकसान पहुंचाया जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ASI को परिसर में तोड़फोड़ की कोई भी कार्रवाई किए बिना वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में हम दखल क्यों दें? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
ज्ञानवापी केस पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश मैं दखल क्यों दे? ASI के भरोसे के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमने लिखित दलील में अतिरिक्त जानकारी दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने हमे सुना नहीं. आपको ASI सर्वे से दिक्कत क्या है.
सुनवाई के दौरान क्या थी मुस्लिम पक्ष की दलील?
मुस्लिम संगठन अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में ASI के सर्वेक्षण का इरादा इतिहास खंगालना है और यह अतीत के घावों को फिर से हरा कर देगा. मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की यह कवायद इतिहास को कुरेदने पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करने और भाईचारे और धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित करने के लिए की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप एक ही आधार पर हर अंतरिम आदेश का विरोध नहीं कर सकते और आपकी आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान फैसला किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.
किस बात पर भड़के मुस्लिम पक्ष के वकील हुजेफा अहमदी?
वकील हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट के सर्वे वाले आदेश पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'ASI सर्वेक्षण का इरादा इतिहास खंगालकर यह जानने का है कि 500 साल पहले क्या हुआ था. यह अतीत के घावों को फिर से हरा कर देगा. सर्वेक्षण पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करता है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थानों के चरित्र में बदलाव को निषिद्ध करता है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मुस्लिम पक्ष
सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी समिति की ओर से दायर वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिला अदालत ने ASI को यह तय करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी. (इनपुट: PTI)
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ज्ञानवापी में जारी रहेगा ASI सर्वे, SC से भी मुस्लिम पक्ष को झटका