डीएनए हिंदी: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का तीन दिनों से सर्वे चल रहा है. सुबह 8 बजे से लेकर 5 बजे तक सर्वे चला. तीसरे दिन का सर्वे खत्म होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का दावा है कि ASI काम कर रही है और हिंदू पक्ष का दावा सही साबित हो रहा है. ASI हर ढांचे की बारीकी से स्टडी कर रही है. सोमवार को भी सर्वे जारी रहेगा. सर्वे की प्राथमिक प्रक्रिया पूरी हो गई है. हिंदू पक्षकारों का कहना है कि अभी तक मुस्लिम पक्ष ने जांच में सहयोग किया है. पश्चिम दीवार की तरफ और गुंबद के पास रविवार को सर्वे हुआ है. ASI की टीम, हर वो जगह खंगाल रही है, जहां उसे जांच करनी है.
ASI ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, इस पद्धति में कोई खुदाई नहीं हो रही है. ASI संरचना की मौलिकता का पता लगाने के लिए परिसर की दीवारों पर मौजूद प्रतीकों को जुटा रहा है. हिंदू पक्ष का कहना है कि यह ढांचा मूल रूप से मंदिर है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे मस्जिद होने का दावा किया है. 51 सदस्यीय एएसआई टीम के अलावा, 16 लोगों को सर्वेक्षण में भाग लेने की अनुमति है, जिनमें से 9 मुस्लिम पक्ष से और 7 हिंदू पक्ष से हैं.
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दूसरे दिन का क्या रहा हासिल?
सर्वे के दूसरे दिन, एएसआई की टीम ने कई धार्मिक प्रतीकों के साक्ष्य जुटाए जो हिंदू मान्यताओं के सूचक थे. सर्वेक्षण के लिए एएसआई जीपीआर तकनीक का उपयोग कर रहा है. हिंदू पक्ष के वकील के मुताबिक, एएसआई की टीम ने दूसरे दिन मस्जिद परिसर के गुंबद के हॉल का सर्वेक्षण किया और उस जगह की फोटोग्राफी और मैपिंग की. इसके साथ ही सर्वे टीम ने बेसमेंट का भी सर्वे किया है.
क्यों सर्वे से खुश है हिंदू पक्ष?
सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष मौजूद रहा. हिंदू पक्ष का दावा है कि वहीं 4 फीट की एक मूर्ति मिली है. मूर्ति पर कुछ कलाकृतियां हैं. मूर्ति के अलावा 2 फीट का त्रिशूल और 5 कलश भी मिलने का दावा किया गया है. साथ ही हिंदू पक्ष ने तहखाने की दीवारों पर कमल के निशान मिलने का दावा किया है. हिंदू पक्ष ने कहा कि सर्वे के दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार पर आधे जानवर और आधे देवता की मूर्ति देखी गई. उन्होंने दावा किया कि तहखाने में टूटी हुई मूर्तियां और खंभे भी देखे गए.
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पहले दिन के सर्वे में क्या मिला?
4 अगस्त को जुमे की नमाज के कारण सर्वे सिर्फ 5 घंटे के लिए किया गया. सर्वेक्षण सुबह 7 बजे शुरू हुआ और दोपहर को बंद कर दिया गया. पहले दिन के सर्वे में ज्यादातर कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई. पहले दिन एएसआई की टीम ने पूरे परिसर का डिजाइन तैयार किया और दीवारों और आसपास के इलाके से सबूत जुटाए. हिंदू प्रतीकों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई.
'मस्जिद कहना सही नहीं'
हाल ही में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद कहना सही नहीं है क्योंकि संरचना के अंदर त्रिशूल और मूर्तियों जैसे हिंदू प्रतीक हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और अतीत में जो गलत हुआ उसे सुधारने की पहल करनी चाहिए.
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ASI के सर्वे से क्यों खुश है हिंदू पक्ष, ज्ञानवापी केस में अब तक क्या हुआ?