डीएनए हिंदी: दिल्ली में दंगों और असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए अब एक बड़ा फैसला किया गया है. दिल्ली सरकार के गृह विभाग की मांग पर केंद्रशासित प्रदेश में अब गुजरात का कानून लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (Gujarat PASA Law) ने गुजरात के इस कानून को लागू करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भी भेज दिया है. ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्रालय की हरी झंडी के बाद गुजरात का कानून दिल्ली में लागू हो जाएगा, जिसके बाद दिल्ली पुलिस के बाद कार्रवाई को लेकर ज्यादा ताकत होगी. माना जा रहा है कि यह कानून दिल्ली में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में प्रभावी होगा.
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने "द गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टिविटीज एक्ट 1985" को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ल में भी लागू करने की सिफारिश कर दी है. उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय को प्रस्ताव भी भेज दिया है. गुजरात के इस कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए खतरनाक अपराधियों, अवैध शराब बेचने वालों, नशे का कारोबार करने वालों, यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सकेगी. इसके अलावा इस कानून में संपत्ति हड़पने वालों द्वारा होने वाली असामाजिक और खतरनाक गतिविधियां रोकने के लिए उन्हें एहतियातन हिरासत में लेने का प्रवाधान भी है, जो कि दिल्ली पुलिस को ज्यादा ताकत देगा.
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तेलंगाना से ज्यादा बेहतर है गुजरात का कानून
बता दें कि दिल्ली में गुजरात के कानून की सिफारिश करने से पहले तेलंगाना के एक ऐसे ही कानून को लागू करने की सोची गई थी. हालांकि जांच में सामने आया कि गुजरात का कानून तेलंगाना के कानून से ज्यादा बेहतर है. वहीं उपराज्यपाल इस प्रस्ताव पर भी सहमत हुए थे कि गुजरात के कानून को राष्ट्रीय राजधानी में इसके विस्तार पर विचार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाए.
दिल्ली पुलिस ने भी की थी मांग
गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ते असामाजिक मामलों के बीच दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को एक पत्र लिखकर यह मांग की थी कि दिल्ली के लिए भी गुजरात के कानून की समीक्षा की जाए. इस कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए खतरनाक अपराधियों, अवैध शराब बेचने वालों, नशे के अपराधियों, ट्रैफिक कानून को तोड़ने वाले और संपत्ति हड़पने वालों को ऐहतियातन हिरासत में लेने का प्रावधान है जो कि दिल्ली पुलिस के लिए कानून व्यवस्था के लिहाज से बेहतरीन हो सकता है.
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विवादित भी रहा है कानून
बता दें कि गुजरात का यह पीएएसए कानून अपनी क्षमता के कारण तो चर्चा में रहा है लेकिन इसके साथ विवाद भी जुड़े रहे हैं. राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इस कानून का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है. इसके चलते कई बार इस कानून को लेकर ही गुजरात सरकार को कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी है, जिसके चलते यह कानून काफी सख्त होने के बावजूद काफी ज्यादा विवादों से भी जुड़ा रहा है.
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दिल्ली में गुजरात का कानून लागू करने की तैयारी, केंद्र की मंजूरी के बाद पुलिस को मिलेगी ज्यादा ताकत