डीएनए हिंदीः केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया की ओर एक और कदम उठाया है. सरकार ने कुछ अपवादों के साथ ड्रोन (drones) के आयात पर पाबंदी लगा दी है. नियमों के मुताबिक अनुसंधान एवं विकास, रक्षा तथा सुरक्षा के मकसद से ड्रोन के आयात (import) की अनुमति होगी लेकिन इसके लिये भी उपयुक्त मंजूरी की जरूरत होगी. सरकार अब देश में ही ड्रोन इंडस्ट्री को विकसित करने की पूरी कोशिश कर रही है.
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क्यों लिया फैसला
केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए विदेश से ड्रोन के आयात पर 9 फरवरी 2022 से रोक लगा दी है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अनुसंधान एवं विकास, रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन के आयात को छूट रहेगी, लेकिन इसके के लिए मंजूरी की जरूरत होगी. हालांकि, ड्रोन के पुर्जे आदि के आयात के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार ने देश में ड्रोन पॉलिसी को आसान बनाने के बाद कड़ी कागजी कार्रवाई को असान, सरल, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए नई योजना की शुरुआत की है. जिसके तहत हवाई क्षेत्र से जुड़े नक्शे, पीएलआई योजना और सिंगल विंडो डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को सरल बनाने की कोशिश की गई है. बजट में वित्त मंत्री ने किसान ड्रोन का ऐलान किया. योजना के मुताबिक सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा देगी.
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कृषि केंद्रो को ड्रोन के मिलेगा अनुदान
सरकार ने पिछले महीने ही आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन खरीदने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान देने का फैसला किया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इस क्षेत्र के हितधारकों के लिए ड्रोन तकनीक को किफायती बनाने के दिशानिर्देश जारी भी किए हैं. बयान के मुताबिक “कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन” (एसएमएएम) के दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है, जिसमें कृषि ड्रोन की लागत का 100 प्रतिशत तक या 10 लाख रुपये, जो भी कम हो, अनुदान के रूप में दिया जाएगा.
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Drone के आयात पर सरकार ने लगाया बैन, मेड इन इंडिया की ओर एक और कदम