डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की योगी सकार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के 98 लाख पेंशधारकों को लाभ पहुंचाते हुए उनके अकाउंट में पैसा भेज चुकी है. वहीं अब योगी सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदेश के कर्मचारियों और पेशनधारकों के लिए एक स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाया जाएगा. इसके जरिए सभी को मुफ्त कैशलेस इलाज उपलब्ध होगा. इसको लेकर प्रदेश की सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया है. यह योगी सरकार का एक बड़ा फैसला माना जा रहा है.
सरकार ने जारी किया आदेश
दरअसल, योगी सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने का आदेश जारी कर दिया गया है. इसकी घोषणा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने की है. योगी सरकार के इस आदेश के तहत सरकारी अस्पतालों के साथ ही अन्य चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और आयुष्मान में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कर्मचारियों व पेंशनधारकों को निशुल्क इलाज मिल सकेगा. इस नई सुविधा के लिए राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिजनों के कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनेंगे.
कौन बनाएगा स्टेट हेल्थ कार्ड
वहीं स्टेट हेल्थ कार्ड से जुड़ी जानकारी देते हुए इस आदेश में बताया गया है कि ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की जिम्मेदारी स्टेट एजेंसी फॉर हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज को दी गई है. सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने विभाग के कर्मियों व पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाएं जिससे पेंशनधारकों और कर्मचारियों के अलावा उनके परिजनों को भी इस योजना का लाभ मिल सके. इसके अलावा चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग अपने चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल कालेजों को धनराशि देने के लिए 200 करोड़ और जिला अस्पतालों आदि में कैशलेस इलाज के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 100 करोड़ रुपये का कार्पस फंड घोषित करेगा.
वहीं कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए बनाए गए कार्पस फंड से सरकारी चिकित्सालयों को इलाज पर होने वाले खर्चे की 50 प्रतिशत धनराशि दी जाएगी. वहीं योजना की बची 50 प्रतिशत की राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर वित्त विभाग द्वारा दी जाएगी. गौरतलब है कि पेंशनधारकों को बढ़ी हुई राशि जारी करने के बाद अब योगी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को मुफ्त हेल्थ सुविधा का ऐलान करके एक मास्टरस्ट्रोक चला है जिसका असर ने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.
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