Kisan Andolan Latest News: किसानों को अपनी मांगों के लिए नेशनल हाइवे पर जुटने और प्रदर्शन करने का अधिकार है. इसके लिए आप सड़कें कैसे बंद कर सकते हैं? ये सवाल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार से पूछा है. हाई कोर्ट ने यह सवाल उस याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा है, जिसमें पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाली सीमाओं को बंद करने और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के खिलाफ अपील की गई है. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा की सीमाओं पर रोक दिया गया है. उनके ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं और लाठीचार्ज किया गया है. सड़कों के बंद होने से सभी इलाकों में जाम लगे हैं, जिनमें आम जनता को घंटों तक फंसे रहना पड़ा है.
हरियाणा और पंजाब की सरकारों से मांगी है स्टेट्स रिपोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की है. बेंच ने हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों से इस मामले में गुरुवार तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है. साथ ही चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से भी स्टेट्स रिपोर्ट तलब की गई है. यह सुनवाई पंचकूला के वकील उदय प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर हो रही है, जिसमें हरियाणा-पंजाब की सीमाओं पर बैरिकेडिंग करने, कीलें लगाने को लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया गया है.
VIDEO | Hundreds of tractor trolleys parked at Shambhu border as farmers continue their 'Delhi Chalo' march.#FarmersProtest
— Press Trust of India (@PTI_News) February 14, 2024
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/Ww1mVVwHug
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हरियाणा सरकार ने दिया ये जवाब
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सबरवाल हाई कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने बेंच को किसान आंदोलन में 4 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉली शामिल होने की जानकारी दी. साथ ही बताया कि इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नियमों के खिलाफ मॉडिफाइड किया गया है. इसी कारण सरकार को ये उपाय करने पड़े हैं. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि किसान नेशनल हाईवे पर इसलिए जुट रहे हैं, क्योंकि उन्हें एक जगह जमा होने और आंदोलन करने का अधिकार मिला हुआ है. हर आदमी को प्रदर्शन के जरिये अपनी मांग रखने का अधिकार संविधान ने दिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट को भी बना दिया पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने पार्टी
इस मामले में पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने एक अनूठा कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाई कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट को भी पार्टी बनाया है. साथ ही किसानों को एकजुट कर रहे किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) से भी जवाब तलब किया गया है.
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'किसानों को आंदोलन का अधिकार, क्यों बंद की सड़कें' नाराज हाई कोर्ट ने पूछा सवाल