डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हत्या मामले के आरोपी को अपराध में शामिल हथियार की बरामदगी न होने पर भी दोषी ठहराया जा सकता है, बशर्ते चश्मदीद गवाह के तौर पर प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद हो. शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के जून 2018 के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया गया था.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, ‘अपराध में इस्तेमाल किए गये हथियार की बरामदगी नहीं होती है फिर भी इसे आरोपी को बरी करने का अधिकार नहीं कहा जा सकता, बशर्ते चश्मदीद का प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद हो.’
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बेंच ने दोषी को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए निचली अदालत के फैसले को बहाल कर दिया और दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
Ekta Kapoor को SC की फटकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर की वेब सीरीज 'XXX' सीजन 2 को लेकर एक्ट्रेस को कड़ी फटकार लगाई. मामले पर सुनाई करते हुए जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा, 'कुछ तो किया जाना चाहिए. आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं. ओटीटी पर ऐसे कंटेंट सभी के लिए आसानी से उपलब्ध हैं. आप लोगों को किस तरह का विकल्प दे रही हैं?'
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इतना ही नहीं, अदालत ने एकता कपूर के सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर भी नाराजगी जाहिर की. इसपर एकता कपूर की ओर से पेश पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील पेश करते हुए कहा कि उन्होंने वांरट के खिलाफ हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की है लेकिन वहां जल्द सुनवाई होने की कोई उम्मीद नहीं है.
(इनपुट- भाषा)
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हथियार की बरामदगी न होने पर भी आरोपी को ठहराया जा सकता है दोषी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला