डीएनए हिंदी: देश में चुनाव सुधार प्रक्रिया के तहत आधार को वोटर आईडी से जोड़ने वाले चुनाव सुधार विधेयक को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसके जरिए निर्वाचन आयोग को आधार कार्ड को मतदाता सूची में जोड़ने में मदद मिलेगी. नए सुधारों के तहत अब साल में 4 बार युवाओं को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के मौके दिए जाएंगे.
केन्द्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. बैठक में कैबिनेट ने चुनाव सुधार विधेयक को मंजूरी दे दी है. वर्तमान चुनावी कानून के प्रावधानों की बात करें तो किसी भी सैन्यकर्मी की पत्नी को सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की पात्रता होती है लेकिन महिला सैन्यकर्मी के पति के लिए कोई प्रावधान नहीं है. वहीं नए प्रस्तावित विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने पर स्थितियां बदल जाएंगीं.
चुनाव आयोग ने दिए थे प्रस्ताव
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय से जन प्रतिनिधित्व कानून में सैन्य मतदाताओं से संबंधित प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्दावली को बदलकर ‘स्पाउस’ करने को कहा था. इसके साथ ही ये भी मांग की थी कि आधार कार्ड को भी वोटर आईडी कार्ड से जोड़ा जा सके, जिससे अलग अलग होने जगह पर होने वाला एक ही व्यक्ति का नाम चुनाव की सूची में दर्ज न हो.
वहीं एक अन्य प्रावधान में युवाओं को मतदाता के रूप में प्रत्येक वर्ष चार तिथियों को पंजीकरण कराने की अनुमति देने की मांग भी हुई थी. निर्वाचन आयोग पात्र लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनुमति देने के लिये कई ‘कट ऑफ तारीख’ की वकालत करता रहा है और मोदी सरकार के इस विधेयक में ये कट ऑफ वाले नियम का भी प्रस्ताव है.
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