डीएनए हिंदी: 5 अगस्त 2019. इस तारीख को हिंदुस्तान में अब शायद ही कोई भूल पाए. ठीक चार साल पहले, इसी दिन नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में एक कानून लाकर अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था. अनुच्छेद 370 को लेकर सियासत भी होती रही है. एक वर्ग सरकार के इस कदम को असंवैधानिक बताता रहा है. जम्मू कश्मीर की कई पार्टियां अनुच्छेद 370 को दोबारा बहाल किए जाने की मांग भी करती रही हैं. सरकार का दावा है कि इन चार वर्षों में कश्मीर में कई बड़े बदलाव आए हैं. अब कश्मीर आतंकवाद और अलगाववाद की विचारधारा को छोड़ तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ा है. आइए जानते हैं डीएनए में सौरभ राज जैन के साथ क्या है घाटी का हाल.

श्रीनगर का ऐतिहासिक लालचौक अब तिरंगे में सराबोर नजर आता है. कुछ साल पहले लालचौक में तिरंगा लहराने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था. वहां खुलेआम पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते थे. ऐसी तस्वीरें दिखाती हैं कि पांच अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में कुछ तो बदला है. सरकारी दावों के अनुसार अब माने तो घाटी पहले से ज्यादा सुरक्षित हुई है. अब यहां आतंकवादी घटनाओं में तो कमी आई ही है, पत्थरबाजी की घटनाएं भी न के बराबर हो गई हैं.

कश्मीर में सिमट रहा आतंकवाद का दायरा

जम्मू-कश्मीर पुलिस के DATA के अनुसार 5 अगस्त 2019 से 31 जुलाई 2023 तक जम्मू-कश्मीर में 683 आतंकवादी मार गिराए गए हैं. हालांकि इस दौरान सुरक्षा बल के 148 जवान भी शहीद हुए, जबकि 127 आम लोगों ने भी जान गंवाई. इस वर्ष अब तक 38 आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं, जबकि सुरक्षा बल के 13 जवान शहीद हुए और 9 नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी.

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घटने लगी हैं आतंकी वारदातें

जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद साल 2020, 2021 और 2022 में बड़े पैमाने पर आतंकवादी विरोधी अभियान चलाए गए, जिसकी वजह से आतंकवाद का ग्राफ काफी कम हो चुका है. अब पुलिस को बड़े पैमाने पर ऑपरेशन नहीं करने पड़ रहे हैं. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 से 2019 तक जम्मू कश्मीर में 4,766 आतंकी वारदातें दर्ज हुईं थीं लेकिन 5 अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब तक सिर्फ़ 738 आतंकी वारदातें दर्ज की गई हैं. कश्मीर में अब हालात लगातार बेहतर हुए हैं.

कश्मीर में बदल गए हैं 370 के बाद हालात

आर्टिकल 370 हटने के बाद हालात करीब 180 डिग्री बदल गए हैं. पहले बंद हुआ करते थे और अब स्कूल हमेशा 365 दिन खुले रहते हैं, बाजार देर शाम तक खुले रहते हैं, यहां तक कि घाटी का नाइट कल्चर भी शुरू हो गया है. सरकार जम्मू कश्मीर को पटरी पर लाने में मदद के लिए कश्मीर के स्थानीय लोगों को श्रेय देती है. अब अगर कोई अप्रिय घटना घटती है तो सबसे पहले आम लोग ही इसकी निंदा करते हैं. 

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घाटी में सामान्य हो रहा है जनजीवन

आतंकवाद के मामलों में कमी आने के वजह से कश्मीर शांति की तरफ़ बढ़ा रहा है. श्रीनगर में इसी वर्ष G-20 की बैठक का आयोजन भी हुआ और दो दिवसीय बैठक का सफल आयोजन बताता है कि कश्मीर पहले से ज़्यादा सुरक्षित है. आज जम्मू-कश्मीर के लोग खासकर युवा भी मानते हैं कि उनका प्रदेश सही रास्ते पर है.

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DNA TV Show What changed in Kashmir in four years after abrogation of Article 370
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DNA TV Show: अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में कितने बदले हालात?
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