डीएनए हिंदी: DNA में आज हम बात करेंगे उन लोगों और संस्थाओं की, जिन्हें देश विरोधी एजेंडा चलाने के लिए चीन से भी मदद लेने में कोई परेशानी नहीं है. हमने आपको 2 साल पहले अपने इसी शो में एक खबर दिखाई थी. इसमें हमने आपको बताया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में न्यूज पोर्टल न्यूज क्लिक (News Click) के खिलाफ बड़े सबूत मिले थे. आर्थिक अपराध की जांच करने वाली संस्था ईडी को अपनी जांच में पता चला था कि News Click के संबंध चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से हैं. चीन का प्रोपेगेंडा विंग अपना एजेंडा चलाने के लिए उन्हें फंड देता है.
उस वक्त देश के कुछ बड़े एजेंडाधारी पत्रकारों, संस्थानों और विपक्ष में शामिल कई बड़ी पार्टियों ने इस जांच को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया था. उनके मुताबिक केंद्र सरकार ने जानबूझकर न्यूज क्लिक जैसी संस्था पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. लेकिन आज इन सभी लोगों के मुंह पर ताला लगा हुआ है. दरअसल आज अमेरिकी अखबार The New York Times ने चीन के प्रोपेगेंड टूल किट का हिस्सा रहे संस्थानों पर एक लेख लिखा है. जिसमें भारत की इस न्यूज वेबसाइट का भी नाम शामिल है. NYT की इस रिपोर्ट के मुताबिक. चीन अपना प्रोपेगेंड फैलाने के लिए दुनियाभर के अलग-अलग संस्थानों को पैसे देता है. इसमें कई देशों के मीडिया संस्थान भी हैं. इसी में एक नाम News Click का भी है.
NYT ने अपने इस आर्टिकल में भारत ही नहीं कई अन्य देशों का जिक्र किया है. इस लेख के मुताबिक, चीन का प्रोपेगेंडा विंग अमेरिका, घाना, जाम्बिया ब्राजील और भारत के कई न्यूज पोर्टल को पैसा देता है. इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीका की एक राजनीतिक पार्टी, दुनियाभर के Think Tanks और कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को भी चीन की तरफ से पैसा मिलता है. ये लोग चीन के प्रोपेगेंडा को दुनियाभर में फैलाते हैं. मतलब ये लोग पैसे लेकर चीन के बारे में दुनियाभर में सकारात्मक बातें कहते हैं.
News Click को मिली थी 38 करोड़ फंडिंग
इसी आर्टिकल में बताया गया है कि भारत में चीन को लेकर सकारात्मक बातें करने और उसके राजनीतिक एजेंडे को फैलाने का जिम्मा न्यूज क्लिक को मिला हुआ था. बता दें कि News Click को चीन का एजेंडा फैलाने के लिए करोड़ों रुपये मिले थे. ED के मुताबिक, न्यूज क्लिक को वर्ष 2018 से 2021 के बीच 38 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली थी. इस भारतीय वेबसाइट को यह पैसा 4 बड़ी संस्थाओं की ओर से दिए गए थे. इनमें अमेरिका की Justice & Education Fund, GS-PAN LLC, Massachusetts का Think Tank 'The Tricontinental Ltd Inc.' और ब्राजील की एक कंपनी Centro Popular Demidas शामिल थी.
News Click को किसने कितना पैसे दिया?
नेविल रॉय सिंघम के एनजीओ Justice & Education Fund Inc ने 27 करोड़ 51 लाख रुपये और GS-PAN LLC ने 26 लाख 98 हजार रुपये NEWS CLICK को दिए थे. थिंक टैंक The Tricontinental Ltd Inc. ने न्यूज क्लिक को 19 लाख 31 हजार और Centro Popular Demidas ने 2 लाख 3 हजार रुपये दिए थे. जिन संस्थाओं ने न्यूज क्लिक को पैसे दिए, उनमें दो संस्था नेविल रॉय सिंघम की थीं. ये वही व्यक्ति है जिसका संबंध चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगेंडा विंग से है. नेविल रॉय सिंघम वही व्यक्ति हैं, जिसको पूरी दुनिया में चीन के लिए अच्छा माहौल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. नेविल के जरिए ही अलग-अलग देशों की संस्थाओं या व्यक्ति को पैसे देकर चीन के राजनीतिक एजेंडा को फैलाने का जिम्मा दिया जाता है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यही बात कही.
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किसी न्यूज पोर्टल को विदेशी फंड मिलना गलत नहीं है, लेकिन जिस एजेंडे के तहत वो पैसा दिया गया और जिस तरीके से उसका इस्तेमाल हुआ ये बहुत मायने रखता है. आप इसको इस तरह से समझ सकते हैं कि चीन ने NEWS CLICK को जो पैसा दिया, वो एक ऐसे व्यक्ति को मिला जिसका नाम भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल है. न्यूज क्लिक को करीब अड़तीस करोड़ रुपये मिले थे. इनमें से लगभग 20 लाख रुपये गौतम नवलखा को दिए गए थे. गौतम नवलखा भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं और फिलहाल वो नजरबंद किया हुआ है. गौतम नवलखा न्यूज क्लिक कंपनी में Independent Partner भी रह चुके हैं. इसके अलावा लगभग 52 लाख रुपये वामपंथी पार्टी CPM के IT Cell Member बाप्पादित्य सिन्हा को दिए गए.
यहां एक और बात हम आपको बताना चाहते हैं, वो ये कि News Click कंपनी पहले PP News Click Studio Pvt. Ltd. के नाम से रजिस्टर्ड थी, लेकिन भीमा कोरेगांव हिंसा के 10 दिन बाद ही इस कंपनी को भंग कर दिया गया. इसके बाद PPK News Click Studio Pvt. Ltd. कम्पनी बनाई गई. और भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद ही इस कम्पनी को 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली. सोचिए कंपनी बनते ही इसे विदेशों से करोड़ों रुपये मिलने लगी.
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DNA TV Show: चीन के प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश? News click को मिली थी 38 करोड़ रुपये की फंडिंग