डीएनए हिंदी: उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को धर्म संसद में नफरती भाषण मामले में पहली गिरफ्तारी की है. पुलिस ने हरिद्वार जिले के रुड़की से वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया है. रिजवी धर्म बदलने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं. इसके साथ ही दो अन्य प्रमुख आरोपी यति नरसिम्हानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है.
मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में इन तीनों के नाम अन्य लोगों के साथ हैं. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि यति नरसिम्हनंद और साध्वी अन्नपूर्णा को सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत पेश होने के लिए नोटिस भेजा गया है.
यति नरसिम्हानंद गाजियाबाद के डासना मंदिर के विवादास्पद पुजारी हैं, जिन्होंने हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया था. जबकि साध्वी अन्नपूर्णा उस कार्यक्रम में वक्ताओं में से एक थीं जहां कथित तौर पर विशेष धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए थे.
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) योगेंद्र रावत ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वसीम रिजवी को रुड़की के नरसन सीमा से गिरफ्तार किया गया. हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी रखने वाले रिजवी मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामित 10 से अधिक लोगों में शामिल हैं. वह पूर्व में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख थे.
सरकार पर दबाव
यह पूछे जाने पर कि क्या और गिरफ्तारियां होंगी? एसएसपी ने कहा कि यह इसपर निर्भर करेगा कि जांच कैसे आगे बढ़ती है. इस कार्यक्रम में भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उत्तराखंड सरकार पर विभिन्न तबकों से जबरदस्त दबाव रहा है.
यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की थी, हालांकि घटना को काफी दिन बीत चुके हैं. 17-19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कई लोगों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.
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नरसिम्हानंद और साध्वी अन्नपूर्णा पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार