डीएनए हिंदी: वैश्विक महामारी कोविड-19 (Covid-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक रिपोर्ट सामने आई है जो बताती है कि जो व्यक्ति डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) का शिकार हो चुका है और उसने वैक्सीन भी लगा लिया है तो भी उसे ओमिक्रॉन (Omicron) का जोखिम बना रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण और टीकाकरण के बाद भी ओमिक्रोन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भारी पड़ सकता है. यह खुलासा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक नए अध्ययन में सामने आई है जो कि चौंकाने वाली है.

ICMR नेSS किया खुलासा 

दरअसल, आईसीएमआर द्वारा यह अध्ययन एक ऐसे स्वास्थ्यकर्मी पर किया गया जोकि महामारी की तीनों लहर में संक्रमण की चपेट में आया था. आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि टीके की बूस्टर खुराक (Booster Dose) ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करती है लेकिन यह समय के साथ कम होती जाती है, ऐसे में मास्क पहनना, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन और बार-बार हाथ धोने जैसी आदतें सार्स-सीओवी-2 के प्रसार की रोकथाम के मुख्य उपाय हैं. 

तीन बार हो चुका कोरोना

इस मामले में जर्नल ऑफ इन्फेक्शन में सोमवार को प्रकाशित हुई एक रिसर्च में भारत के एक स्वास्थ्यकर्मी के मामले का अध्ययन किया गया, जोकि सबसे पहले सार्स-सीओवी-2 के प्रारंभिक संक्रमण की चपेट में आया और बाद में वह डेल्टा और ओमिक्रॉन स्वरूप से भी संक्रमित हुआ जबकि वह कोविड-रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुका था. इस रिसर्च को लेकर पुणे के एनआईवी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा यादव ने कहा कि दिल्ली के 38 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी में सबसे पहले 9 अक्टूबर 2020 को संक्रमण की पुष्टि हुई. इस मामले में उसे बुखार, बदन दर्द और गले में खराश का सामना करना पड़ा. यह स्वास्थ्यकर्मी कुछ दिन में ठीक हो गया और इसके बाद उसे करीब 2-3 सप्ताह कमजोरी महसूस हुई थी. 

वैक्सीनेशन के बावजूद हुआ कोविड

रिसर्च के मुताबिक इस स्वास्थ्यकर्मी ने 31 जनवरी 2021 को टीके की पहली खुराक ली और तीन मार्च को दूसरी खुराक ली. इसके मुताबिक, करीब एक साल बाद स्वास्थ्यकर्मी को नवंबर 2021 में एक बार फिर संक्रमण की पुष्टि हुई. इस दौरान उसे 2-3 दिन बदन दर्द की शिकायत रही और बाकी अन्य लक्षण नहीं दिखे. कुछ दिन बाद वह फिर से स्वस्थ हो गया. खास बात यह रही कि एक बार संक्रमण की चपेट में आने और पूर्ण टीकाकरण के बावजूद वह संक्रमित हो गया. अध्ययन के मुताबिक, महामारी की तीसरी लहर के दौरान वह स्वास्थ्यकर्मी जनवरी 2022 में भी संक्रमित पाया गया. उसे सात दिन तक होम आईसोलेशन में रखा गया जिसके बाद वह स्वस्थ हो गया. 

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इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि तीनों बार संक्रमित होने के बावजूद मरीज को अस्पताल नहीं जाना पड़ा. उसका इलाज होम आइसोलेशन के दौरान हुआ और वो आसानी से ठीक हो गया. ऐसे में यह एक बड़ी राहत की खबर है लेकिन एक अहम बात यह भी है कि वैक्सीन के बावजूद कोविड के वेरिएंट अभी भी मजबूत बने हुए हैं और इस रिपोर्ट का यह खुलासा दर्शाता है कि ओमिक्रोन के नए एक्सई वेरिएंट को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. 

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Despite vaccination, the threat of covid remains, shocking revelations in research
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कोविड-19 की रिसर्च को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
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